कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। शहर की जीवनदायनी रही स्वर्ण रेखा नदी पुनरुद्धार को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। इसी कड़ी में हाईकोर्ट के निर्देश पर 11 सदस्यीय गठित दल ने स्वर्ण रेखा नदी के वाटर रिचार्जिंग पॉइंट का निरीक्षण किया। इस दौरान स्वर्ण रेखा रिवाइवल में आ रही परेशानियों को चिन्हित कर रिपोर्ट तैयार की गई है जिसे आगामी सुनवाई में कोर्ट में पेश किया जाएगा।

अतिक्रमण हटाने का दावा गलत

दरअसल स्वर्ण रेखा नदी को पुराने स्वरूप में लौटाने एक जनहित याचिका एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया ने दायर की है। हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित 11 सदस्यीय टीम ने नदी के आउटर एरिया में वाटर रिचार्जिंग से जुड़े पॉइंट्स का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम को बड़ी कमी नजर में आई, क्योंकि हाईकोर्ट में जल संसाधन और नगर निगम द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में नदी किनारे से अतिक्रमण हटाने का दावा किया गया है जो निरीक्षण के दौरान गलत पाया गया।

निरीक्षण के दौरान दावे की पोल खुल गई

इसके अलावा नदी में वाटर रिचार्ज वाले सभी पॉइंट पर काम शुरू होने की बात भी हाईकोर्ट में विभागों द्वारा पेश की गई थी वह भी गलत साबित हुई। ऐसे में टीम द्वारा ग्राउंड स्टडी करने के बाद बिंदुवार रिपोर्ट तैयार की गई है जिसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। याचिकाकर्ता का कहना है कि जल संसाधन विभाग, नगर निगम सहित अन्य पक्षकारों द्वारा कोर्ट को ही गुमराह करने की कोशिश की गई, जिसकी पोल निरीक्षण के दौरान खुल गई। ऐसे में विस्तृत रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की जाएगी ताकि गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो सके।

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