हेमंत शर्मा, इंदौर। सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका कुमारी चंद्रकांता जेठानी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इच्छा मृत्यु की मांग की है। व्हीलचेयर पर बैठकर रोजाना स्कूल जाने वाली चंद्रकांता पिछले कई वर्षों से गंभीर शारीरिक पीड़ा से गुजर रही हैं, लेकिन शिक्षा देने का उनका जुनून अब भी बरकरार है।

पूरी प्रॉपर्टी शासकीय स्कूल के 6 बच्चों के नाम

साल 2020 में एक ऑर्थोपेडिक डॉक्टर के कथित गलत इलाज के कारण उनका शरीर का निचला हिस्सा पैरालाइज हो गया। इसके बाद भी वे रोजाना व्हीलचेयर पर स्कूल जाती हैं और बच्चों को पढ़ाती हैं। उन्हें प्रतिदिन 7 से 8 घंटे तक व्हीलचेयर पर ही बंधे रहना पड़ता है, जिससे वे असहनीय शारीरिक दर्द झेलती हैं। चंद्रकांता ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी प्रॉपर्टी शासकीय स्कूल के 6 बच्चों के नाम कर दी है। साथ ही एमजीएम मेडिकल कॉलेज को अपने शरीर के अंग भी डोनेट कर दिए हैं, ताकि मृत्यु के बाद भी वे जरूरतमंदों के काम आ सकें।

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मृत्यु के बाद भी मैं किसी के काम आ सकूं

उनका कहना है “मैं आत्महत्या नहीं करूंगी क्योंकि मैं खुद बच्चों को आत्मविश्वास देना सिखाती हूं। अगर मैं ऐसा कदम उठाऊंगी तो उनके मन से टीचर का विश्वास उठ जाएगा।” उन्होंने कहा- “मेरे अंग जरूरतमंदों के लिए कोहिनूर हीरे से भी ज्यादा कीमती हैं। मृत्यु के बाद भी मैं किसी के काम आ सकूं यही मेरा उद्देश्य है।”

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