शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के ‘हमारे शिक्षक’ ऐप के जरिए ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था में शिक्षकों की रुचि कम दिख रही है। प्रदेश के 3.62 लाख शिक्षकों में से केवल 2.31 लाख ने ही इस ऐप को डाउनलोड किया है। हैरानी की बात यह है कि इस व्यवस्था में अतिथि शिक्षक सबसे आगे हैं, जबकि नियमित शिक्षक और प्राचार्य इस मामले में पीछे चल रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों और प्राचार्यों के लिए ‘हमारे शिक्षक’ ऐप के माध्यम से ई-हाजिरी को अनिवार्य किया था, ताकि उपस्थिति में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों में से केवल 63% ने ही इस ऐप को अपनाया है।
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अतिथि शिक्षक कर रहे आदेश का पालन
खासतौर पर अतिथि शिक्षक इस आदेश का पालन करने में सबसे सक्रिय दिख रहे हैं, जबकि नियमित शिक्षक और प्राचार्य इस दिशा में उदासीनता बरत रहे हैं। शिक्षा विभाग के निदेशक, लोक शिक्षण संचालनालय, के.के. द्विवेदी ने हाल ही में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए थे कि प्राचार्य और प्रधानाध्यापक बिना किसी अपवाद के इस ऐप का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि कई स्कूलों में प्राचार्य स्वयं हाजिरी दर्ज नहीं कर रहे, जिसके कारण उनके अधीनस्थ शिक्षक भी इसका पालन नहीं कर रहे।
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शिक्षा विभाग बरतेगा सख्ती
शिक्षक संगठनों ने इस व्यवस्था का विरोध करते हुए तकनीकी परेशानियों और अतिरिक्त कार्यभार की शिकायत की है। लेकिन विभाग का कहना है कि यह ऐप उपयोग में सरल और मोबाइल-फ्रेंडली है, जो शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन के लिए जरूरी है। इस स्थिति को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतने का फैसला किया है। अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था से न केवल उपस्थिति रिकॉर्ड में पारदर्शिता आएगी, बल्कि शिक्षकों की समयबद्धता भी सुनिश्चित होगी।
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