
न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों के बुरे हाल किसी से छुपे नहीं है। आए दिन कुछ न कुछ अस्पतालों में घटित होता रहता है। एक ऐसा ही मामला आदिवासी बाहुल्य अनूपपुर जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुरी से सामने आया है। जहां से शासकीय डॉक्टर द्वारा मरीज को गलत इलाज दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
जानकारी के अनुसार, दीप नारायण शर्मा को बालतोड़ की समस्या हुई थी। जिसका इलाज कराने के लिए दीप नारायण छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ में याशिका नर्सिंग होम गए थे, जहां इलाज के दौरान डॉक्टर ने उन्हें स्किन टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) से ग्रसित बताया। इसके बाद, दीप नारायण शर्मा ने अपने गृह ग्राम बिजुरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर मनोज सिंह को दिखाया। चौंकाने वाली बात यह रही कि डॉक्टर मनोज सिंह ने बिना किसी जांच के ही दीप नारायण शर्मा का स्किन टीबी का इलाज शुरू कर दिया। जबकि उन्हें स्किन टीबी नामक बीमारी थी ही नहीं।
यह बात तब सामने आई जब दीप नारायण शर्मा नागपुर के सेवन स्टार बड़े अस्पताल में इलाज करवाने पहुंचे, जहां की जांच में स्किन टीबी से संबंधित कोई बीमारी पाई ही नहीं गई। यह सुनकर मरीज को झटका लगा और वह पूरी तरह से स्वस्थ होकर अनूपपुर लौटा। इसके बाद दीप नारायण ने डॉक्टर की लापरवाही से हुए गलत इलाज के कारण होने वाली परेशानियों की शिकायत जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से की है। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पूरे मामले को लेकर CMHO राजेंद्र वर्मा ने बताया कि उन्हें मामला अभी संज्ञान आया है। जिसे लेकर अब मामले की जांच करा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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