मनीष मारू, आगर मालवा। कोरोना संक्रमण काल में बगीचे में पेड़ की टहनियों के सहारे ग्लूकोज चढ़ाकर मरीजों के उपचार का मामला प्रकाश में आने के बाद शासन-प्रशासन हरकत में आया है. जिला प्रशासन की टीम ने गांव में दबिश देकर वहां से मेडिसिन के रैपर सहित ग्लूकोज के खाली बोतल सहित अन्य चिकित्सा सामग्री जब्त की है. वहीं टीम के पहुंचने की खबर लगते ही वहां से मरीज और उपचार करने वाले झोलाछाप डॉक्टर मौके से फरार हो गए थे. स्वास्थ्य विभाग ने फर्जी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर कराने की बात कही है.
सीएमएचओ, एसडीएम और एसडीओपी सुसनेर सहित करीब 15 से अधिक अधिकारी व कर्मचारी मौके पर खेत में पहुंचे
बता दें कि लल्लूराम डॉट काम ने इस संबंध में यहां बगीचे में पेड़ की टहनियों पर ग्लूकोज की बोतल चढ़ाकर मरीजों का उपचार के शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था. खबर प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल संज्ञान में लेते हुए वहां दबिश दी थी. सीएमएचओ आगर, एसडीएम और एसडीओपी सुसनेर सहित करीब 15 से अधिक अधिकारी व कर्मचारी मौके पर बगीचे में पहुंचे. जहां पहले से खबर लग जाने पर निजी चिकित्सक मौके से फरार पाया गया. जांच टीम को बगीचे में बड़ी मात्रा में खाली इंजेक्शन व ग्लूकोज की बोतलें मिली. कुछ इंजेक्शन व सामग्री को जलाकर नष्ट करने की कोशिश भी निजी चिकित्सक द्वारा की गई, जो अधजली हालत में मिले. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन द्वारा जांच की जा रही है. मामले में आगर सीएमएचओ एस एस मालवीय ने फर्जी चिकित्सक पर एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है.
मामला सुसनेर से पिड़ावा राजस्थान की और जाने वाले मार्ग पर ग्राम धानियाखेड़ी का
मामला सुसनेर से पिड़ावा राजस्थान की और जाने वाले मार्ग पर ग्राम धानियाखेड़ी से करीब आधा किलोमीटर दूर का है. जहां पर मुख्य सडक से 200 मीटर दूरी पर स्थित संतरे के एक बगीचे में दरी और कार्टून के उपर ही मरीजों को लिटाकर पेड की टहनियों के सहारे ग्लूकोज की बोतल चढ़ाकर निजी चिकित्सक द्वारा उपचार किया जा रहा था. इस जगह पर आसपास के करीब 10 गांवों के मरीज बड़ी संख्या में अपना इलाज करवाने के लिए पहुंचे थे. यहां इलाज करा रहे मरीजों को न तो कोरोना का भय था और न ही सोशल डिंस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे. अधिकतर लोग बिना मास्क लगाए ही नजर आ रहे थे.