संदीप भम्मरकर, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आईपीएस अफसरों की विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक आज मंत्रालय में संपन्न हुई। समिति के सामने 11 अफसरों के नाम थे, जिनमें से दो अफसरों को आने वाले दिनों में खाली हो रहे डीजी के पद पर प्रमोट करने का फैसला लिया जाना था। इन 11 अफसरों में से सुशोभन बैनर्जी और संजय वी माने के नाम होल्ड पर रख दिए गए, इसकी वजह उनके खिलाफ चल रही जांच है। लेकिन सीनियर मोस्ट अफसर कैलाश मकवाना और मिलिंद कानस्कर को डीजी पद पर प्रमोशन के लिए फाइनल कर लिया गया।
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मंत्रालय में हुई डीपीसी की बैठक में 1988 और 1989 बैच के आईपीएस अफसरों को डीजी की पोस्ट पर प्रमोट करने का फैसला लेना था। समिति के सामने कुल 11 नाम थे, जिनमें कैलाश मकवाना और मिलिंद कानस्कर के अलावा मुकेश कुमार जैन, संजय कुमार झा, अजय कुमार शर्मा, गोविंद प्रताप सिंह, राजेश चावला, जीआर मीणी, पीएस फलणीकर और सुषमा सिंह समेत सुशोभन बनर्जी और संजय वी माने के नाम थे। समिति ने मनी लांड्रिंग मामले में आरोप झेल रहे सुशोभन और संजय वी माने के नामों को होल्ड पर रखकर फैसला लिया। इसके बाद 1988 बैच के कैलाश मकवाना और 1989 बैच के मिलिंद कानिस्कर पर सहमति जतायी। ये दोनों अफसर अब डीजी का वेतनमान हासिल कर सकेंगे। लेकिन डीजी पोस्ट पर प्रमोशन के लिए उन्हें थोड़ा इंतजार करना होगा। गृह विभाग के पास फिलहाल डीजी की कोई पोस्ट खाली नहीं है। अगस्त के महीने में रिटायर हो रहे अशोक दोहरे से खाली होने वाली पोस्ट पर मकवाना को डीजी की कुर्सी मिलेगी, इसी तरह अकुटीबर के महीने में विजय यादव के रिटायर होने के बाद कानिस्कर को ये कुर्सी मिल सकेगी।
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CBDT की रिपोर्ट में दागदार हैं सुशोभन और माने
कमल नाथ सरकार के दौरान पड़े आयकर छापों में विभाग ने करोड़ों की मनी लांड्रिंग का खुलासा किया था। सीबीडीटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में सुशोभन बैनर्जी और संजय वी.माने के नामों का जिक्र करते हुए मनी लांड्रिंग के आरोप लगाए थे। इसके बाद सीबीडीटी ने चुनाव आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपकर कार्यवाही की अनुशंसा की थी। इसके बाद अब चुनाव आयोग एमपी की ईओडब्ल्यू से जांच करा रही है। दोनों अफसरों के नाम इस मामले में आने की वजह से दोनों अफसरों के प्रमोशन की राह अटक गयी है।
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अब रापुसे से आईपीएस के प्रमोशन का इंतज़ार
राज्य पुलिस सेवा के सीनियर अफसरों को भी विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक का लंबे वक्त से इंतज़ार है। गृह विभागों सबसे पहले 11 पोस्ट के लिए डीपीसी होगी, इसके बाद इस साल होने वाले कैडर रिव्यू में मंजूर होने वाले पदों की डीपीसी होगी। इसमें फिलहाल वक्त लग सकता है। उम्मीद ये थी कि डीजी की पोस्ट के लिए होने वाली डीपीसी में इस पर भी चर्चा हो जाएगी, लेकिन अब इसमें देरी की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इस डीपीसी में 1995 और 1996 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस पद पर प्रमोट किया जाना है। अब तक की स्थिति के मुताबिक प्रकाश चंद्र परिहार, निश्चल झारिया, रसना ठाकुर, संतोष कोरी, जगदीश डाबर, मनोहर सिंह मंडलोई, रामजी श्रीवास्तव, जितेंद्र सिंह पवार, सुनील तिवारी, संजीव कुमार सिन्हा और संजीव कुमार कंचन को आईपीएस प्रमोट करने पर विचार होगा। सीनियर होने के बावजूद अनिल कुमार मिश्रा और देवेंद्र कुमार सिरोलिया को प्रमोशन से वंचित रहेंगेष इसकी वजह है कि मिश्रा रेप के मामले में लंबे समय से फरार चल रहे हैं, जबकि सिरोलिया की उम्र 56 वर्ष से अधिक हो जाने से उनके नामों पर विचार नहीं किया जा सकता है।
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