कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज घोटाले में गजब का मामला सामने आया है। नर्सिंग कॉलेज घोटाले में जिस पर कार्रवाई होनी थी उसे ही रजिस्ट्रार बना दिया गया है। किसी भी भ्रष्टाचार में जिनके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए यदि उन्हें ही अधिकारी बना दिया जाए तो फिर भगवान ही मालिक है। जी हां मध्य प्रदेश के सबसे चर्चित नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़े मामले में आरोपी रही अनीता चांद को नर्सिंग काउंसिल का रजिस्ट्रार बना दिया गया है। अनीता चांद पर भोपाल के एक अनसूटेबल कॉलेज को सूटेबल बताने का आरोप है। नर्सिंग कॉलेज के लिए 5000 हजार से ज्यादा स्क्वायर फीट की जगह अनिवार्य है लेकिन अनीता चांद पर कम जगह पर संचालित एक कॉलेज का बिना भौतिक सत्यापन किए सूटेबल बता दिया था।

डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत

मामले को लेकर उनके खिलाफ जांच भी चल रही है लेकिन इस बीच उनको अचानक नर्सिंग काउंसिल का रजिस्टर बना दिया गया। इस बात से आहत होकर इस पूरे मामले में याचिकाकर्ता एडवोकेट विशाल बघेल ने डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने अनीता चांद को रजिस्ट्रार के पद से हटाने की मांग की है। एडवोकेट का कहना है कि यदि उन्हे पद से नहीं हटाया गया तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। फर्जीवाड़े के आरोपियों को नर्सिंग कॉलेज मान्यता के लिए बनी स्क्रूटिंग कमेटी में सदस्य बना दिया गया है जिसे तत्काल हटाया जाना चाहिए वरना इस मामले को भी कोर्ट ले जाएंगे।

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