हेमंत शर्मा, इंदौर। रात के अंधेरे में जब शहर सोता था, तब कुछ साए चुपचाप दीवारों के पार से अंदर घुसते थे, ताले टूटते थे। अलमारियां खाली होती थीं और सुबह उठते ही लोग दहशत में होते थे, एक और चोरी! लेकिन इस बार पुलिस ने सिर्फ केस नहीं लिखा, जंग छेड़ दी। जहां से पहले पुलिस खाली लौटा करती थी वहीं से अब आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इंदौर की तेजाजी नगर पुलिस को लगातार चोरी की शिकायतें मिल रही थी। स्टाइल वही, तरीका वही और टारगेट भी वही सुनसान घर। केस दर्ज होते रहे, लेकिन पुलिस ने जल्दबाज़ी नहीं की। शुरू हुई 5 महीने की हाईटेक निगरानी। नकबजनों का अड्डा था ‘बाग टांडा’ धार और अलीराजपुर की पहाड़ियों में बसा एक ऐसा इलाका, जहां गाड़ी नहीं, हिम्मत चलती है। पुलिस टीम ने मुखबीरों का जाल बिछाया, साइबर सेल को जोड़ा, और हर मूवमेंट पर नजर रखने लगी।

क्राइम वर्ल्ड के खिलाड़ी

खड़क सिंह: अनपढ़ लेकिन चालाक। मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता, करोड़ों की संपत्ति का मालिक, एक्सयूवी से घूमने का शौकीन।
समाल सिंह, गेमर सिंह उर्फ गमरिया और रामू: हर एक के खिलाफ 3 से 12 तक मामले दर्ज।
राजेश इंडिया: गैंग का फुर्तीला खिलाड़ी — फिलहाल फरार, सिर पर ₹10,000 का इनाम।
ये शातिर चोर घरों के ताले तोड़ने में चंद मिनट लगाते, औजारों से लैस होकर चलते, और रात में वारदात कर पहाड़ियों में जा छिपते।

‘ऑपरेशन बाग टांडा’ — जैसे फिल्म की क्लाइमैक्स सीन

आधी रात, पहाड़ियों पर घना अंधेरा… पुलिस टीम 4-5 किलोमीटर पैदल चलकर, सांस रोके दबिश देती है और एक-एक कर चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए जाते हैं। पूरी टीम महीनों से उनके हर मूवमेंट पर नजर रख रही थी। पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस ने, सोना 1 किलो 60 ग्राम, चांदी 6 किलो 240 ग्राम, नकद ₹3 लाख,बाइक 2, कटर, जैक, फालिया, पेंचकस जब्त किया है। सोने और चांदी की कीमत लगभग 1 करोड़ 28 लाख के आसपास बताई जा रही है।

अभी अंत नहीं, अगली कड़ी बाकी

मुख्य आरोपी खड़क सिंह के पास जो संपत्ति है, वो भी अब जांच के घेरे में है। पुलिस का मानना है कि यह गैंग मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र में भी सक्रिय थी। अब इनसे जुड़ी और वारदातों का खुलासा हो सकता है।

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