दिनेश शर्मा,सागर। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में पत्रकारों के साथ अभद्रता का मामला अभी थमा ही नहीं था, कि सागर जिला पुलिस कप्तान ने वाट्सऐप ग्रुप में एक आदेशात्मक वीडियो पोस्ट कर दिया. इस वीडियो से काफी बवाल मच गया. इस बवाल के बाद वीडियो को डिलीट कर दिया गया. कांग्रेस ने इस आदेशात्मक वीडियो पर आपत्ति जताते हुए इसे अधिकारों का दुरुपयोग और तानाशाही की शुरुआत बताते हुए इसकी निंदा की है.
जिले के जनसम्पर्क कार्यलय द्वारा पत्रकारों को सूचना प्रदान करने डीपीआर नाम से एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया है. इस ग्रुप में जनसम्पर्क की तरफ से सागर एसपी अतुल सिंह का एक आदेशात्मक वीडियो पोस्ट किया गया था. इस वीडियो को लेकर कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता और प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने प्रदेश सरकार सहित सागर जिला प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक का यह आदेश अधिकारों का दुरुपयोग और तानाशाही की शुरुआत है. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बड़ा सवाल ये है कि क्या ये आदेश शासन की तरफ से जारी हुआ है या फिर मुख्यमंत्री को इसका संज्ञान नहीं है.
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प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि एसपी ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें तीन तरह के ई-पास जारी करने की बात की गई है. एक पास ऐसा जारी किया जाएगा, जिसमें लोग कभी भी आ जा सकेंगे. दूसरा पास पत्रकारों के लिए जारी किया गया है, जिसमें वह सिर्फ 5 दिन काम कर सकेंगे. मैं पूछना चाहता हूं कि यह आदेश क्या शासन के द्वारा जारी किया गया है? क्या शनिवार और रविवार को पत्रकार काम नहीं करते हैं. क्या शनिवार-रविवार के दिन वह न्यूज कवर नहीं करते हैं. पता नहीं मध्यप्रदेश में अधिकारों के दुरुपयोग और तानाशाही का कौन सा युग शुरू हो गया है.
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