राजगढ. एक शख्स अपने शरीर पर आग लगाकर जले हुए अवस्था में अधिकारी के पास पहुंचा तो उसके होश उड़ गए. वहीं दफ्तर में उपस्थित लोग भी उसे इस हालत में देखकर दंग रह गए. आग से जले घायल व्यक्ति का पहले उपचार कराया, उसके बाद उसकी शिकायत सुनी गई.

मामला खूजनेर नगर पंचायत कार्यालय का

मामला खूजनेर नगर पंचायत कार्यालय का है. पीएम आवास योजना में नाम नहीं आने और अधिकारियों द्वारा दफ्तर का बार-बार चक्कर लगवाने से वह शख्स इतना परेशान हो गया कि उसने आत्मघाती कदम उठा लिया. सरकारी व्यवस्था से पीडि़त व्यक्ति कैलाश वर्मा ने 15 दिन पहले स्वयं को आग लगा थी. वह जले हुए अवस्था में नगर पंचायत दफ्तर पहुंचा और अपनी बीती अधिकारियों को बताई.

शिवराज मामा से न्याय दिलाने लगाई गुहार

पीडि़त ने मीडिया को बताया कि उसने कर्ज लेकर मकान बनवाया था. उसके बाद भी जब उसका नाम पीएम आवास योजना में नहीं आया, तो उसने खुद पर तेल डालकर आग लगा ली थी. 15 दिन के बाद जब वह दोबारा नगर पंचायत दफ्तर पहुंचा और कर्मचारियों पर आरोप लगाया कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. पीडि़त के साथ दफ्तर पहुंचे बड़े भाई अमर सिंह वर्मा ने भी शासन-प्रशासन को चेतावनी दी है कि योजना में नाम नहीं आया तो, वे भी भाई के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेंगे. उन्होंने प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है कि मामा वैसे तो बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जब हम भांजों पर तकलीफ आती है तब आप कहां चले जाते हैं?

नगर पंचायत को बदनाम करने की साजिश

नगर पंचायत के सीएमओ उमेश शर्मा ने कहा कि सारी साजिश नगर पंचायत को बदनाम करने की है. जो व्यक्ति घटना के बारे में बताकर हंगामा कर रहा है वह पुराना मामला है. नगर पंचायत के भीतर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. किसी के साथ अभद्रता नहीं हुई है और ना ही नगर पंचायत परिसर में किसी कोई घटना घटी है. चाहे तो टीवी फुटेज देख लें. उन्होंने कहा कि नगर पंचायत नियमानुसार और निष्पक्ष काम कर रही है.