रेणु अग्रवाल, धार। केंद्र और राज्य सरकार के लाख दावे के बाद भी योजनाओं का लाभ वास्तिवक हितग्राहियों को नहीं मिल रहा है। इसी कड़ी में धार जिले के लोहारी गांव की बुजुर्ग महिला और उनकी बहू को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया। बुजुर्ग महिला पिछले 10 माह से अपनी विधवा बहू और उसके 2 छोटे छोटे बच्चे और मवेशियों सहित खुले आसमान के नीचे एक पेड़ के सहारे रहने को मजबूर है। इस मामले ने प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों की संवेदनहीनता को भी उजागर किया है।

विधवा बहू के जॉब कार्ड में दिक्कत

जिले के निसरपुर जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम लोहारी की बुजुर्ग महिला गोरी बाई कच्चा मकान ढह गया था। मकान गिरने के बाद से वह प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए ग्राम पंचायत, जनपद और जिला पंचायत का चक्कर लगाकर थक चुकी है। मामले में सरपंच अमर सिंह वास्केल का कहना है कि महिला की विधवा बहू राधाबाई के जॉब कार्ड में दिक्कत आ रही है। जिसमें ग्राम पंचायत स्तर से सुधार नहीं हो सकता। जिला पंचायत से ठीक करवाकर योजना का लाभ दिलाएंगे तब तक अस्थाई आवास की व्यवस्था परिवार के लिए की जा रही है। 

सूची में नाम स्वीकृत प्रक्रिया में देरी

गौरा बाई का परिवार पहले सामूहिक था। तब प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उनके बड़े लड़के को मिल चुका था। उसके बाद परिवार अलग हुआ। सूची में नाम स्वीकृत है परंतु प्रोसेस आगे नहीं बढ़ने से उनका लाभ नहीं मिल रहा। इस संबंध में गौरा बाई को पिछली बैठक में कहा था पंचायत स्तर पर प्रक्रिया पूरी होकर जनपद में और जनपद से जिले में जाती है। यह पंचायत के स्तर का काम नहीं है।

आश्रय स्थल पर परिवार को शिफ्ट करें

जिला पंचायत सीईओ अभिषेक चौधरी ने कहा कि बुजुर्ग महिला गौरा बाई के एक बेटे भागीरथ को 6 वर्ष पूर्व आवास का लाभ मिल चुका है। उनकी दूसरी बहू राधाबाई का आवास डुप्लीकेट जॉब कार्ड की वजह से मंजूर नहीं हुआ है। वर्तमान में वह स्वयं के प्रयास से पक्का मकान बनवा रहे है तो पंचायत को यह निर्देशित किया गया है कि तात्कालिक व्यवस्था के हिसाब से कोई रिक्त शासकीय भवन या आश्रय स्थल पर उन परिवार को शिफ्ट करें।

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