मुकेश सेन, टीकमगढ़। मध्य प्रदेश के पिछड़े बुंदेलखंड में सामंतशाही के चलते आज भी ग्रामीण अंचलों में दलित समाज के लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं। अब भी कई रस्म ऐसी है जिसे मनाने की उन्हें मनाही है। अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उस पर जुल्म किए जाते हैं। टीकमगढ़ के मौखरा गांव से इसी से जुड़ा एक मामला सामने आया है, जहां एक दलित युवक को अपने ही विवाह में घोड़ी चढ़ना महंगा पड़ गया। 

सागर जानी थी दलित युवक की बारात

दरअसल, बड़ागांव थाना क्षेत्र के मौखरा ग्राम के रहने वाले दलित युवक जितेन्द्र अहिरवार की बारात सागर जानी थी। बारात निकलने से पहले बुंदेलखंड के गांवों में एक सामाजिक रस्म अदा होती है, जिसे रछवाई (राष) फिरना बोला जाता है। इस रस्म में दूल्हा घोडी पर  चढ़कर पूरे गांव में घूमता है, जिसमें उसके रिश्तेदार और बिरादरी के लोग दूल्हे का टीका कर उसे सम्मान स्वरूप रुपए और उपहार देते हैं। 

उच्च जाति के दबंगो को दलित का घोड़ी पर बैठना नहीं हुआ बर्दाश्त

आज जब दूल्हा घोड़ी पर बैठकर इस रस्म को पूरा करने निकला तो यह उच्च जाति के दबंगो को बर्दाश्त नहीं हुआ। जिसके बाद उन्होंने राष उनके घर के दरवाजे से गुजरी तो घर की महिलाओं और पुरुषों ने दूल्हे और उसके साथ परिजनों समेत रिश्तेदारों पर हमला कर उनकी पिटाई कर दी।

आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

घटना के बाद दूल्हे समेत पीड़ित लोग थाने पहुंचे और हमला करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मारपीट कर दबंगई दिखाने वाली महिला भानकुंवर परमार को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, अन्य दो आरोपियों की तलाश कर रही है।

मुख्य आरोपी महिला गिरफ्तार

थाना प्रभारी नरेन्द्र वर्मा ने इस मामले में बताया कि आज करीब साढ़े 3 बजे युवक की पिटाई की जानकारी मिली थी। सूर्यपाल परमार, ध्रिकपाल परमार के घर के पास जब वह घोड़ी पर बैठकर पहुंचा तो उनकी मां भानकुंवर ने उन पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची और मुख्य आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके बेटों को पकड़ने के लिए टीम जुट गई है। 

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