अनूप दुबे, ढीमरखेड़ा। कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर जंगलों के बीच स्थित आदिवासी बाहुल्य कोठी ग्राम में करीब सात दर्जन बैगा परिवार निवासरत हैं. जनजाति समाज के विकास के लिए केंद्र सरकार पीएम जनमन अभियान चलाकर शासकीय योजनाओं का लाभ समाज के लोगों को दे रही है. लेकिन बैगा समाज के महिलाओं से शासकीय योजनाओं के लाभ मिलने को लेकर चर्चा की तो हकीकत सामने आई.

महिलाओं ने बताया कि गांव की अधिकांश महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत गैस नहीं मिली है. मजबूरन चूल्हे में खाना बनाना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी रात में होती है. पहले मिट्टी तेल मिल जाता था, अब मिट्टी तेल बंद हो गया है. रात में बिजली जाने पर खाने वाले तेल का दीपक जलाकर पड़ता है.

गरीबों की स्थिति वैसे भी खराब है. महंगाई के दौर में खाने वाला तेल का दीपक जलाने पर अधिक खर्च लगता है बैगा समाज गांव में जहां निवासरत हैं उन टोलो में पेयजल सड़क और बिजली के पर्याप्त इंतेजाम नही हैं और कुछ बैगा परिवारों को प्रधानमंत्री आवास और उज्ज्वला योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है.

चुनाव के पहले अधिकारी गांव में आए तो समुदाय के लोग खुशी हो गए कि अब विकास होना तय है. लेकिन चुनाव के बाद विकास की गति धीमी हो गई. बैगा समाज की महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गांव में जल्द से जल्द व्यवस्थाएं बनवाकर समस्याओं का निराकरण करवाने की मांग की है.

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