अजय नीमा,उज्जैन। धूम्रपान को आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। सिगरेट और हुक्का पीने से कैंसर या अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुक्का पिलाकर लोगों का इलाज किया जा रहा है। जी हां, शासकीय धनवंतरि आयुर्वेदिक अस्पताल में धुएं से मरीजों का इलाज किया जा रहा है और वह भी हुक्के के जरिए। 

मरीजों को दिया जा रहा हर्बल हुक्का

यह जानकर आपको हैरानी जरूर होगी, लेकिन यह पूरी तरह सच है। यहां दमे, सायनस और फेफड़ों के संक्रमण से जूझ रहे मरीजों को विशेष आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से तैयार हर्बल हुक्का पिलाया जा रहा है।

हुक्का जैसा लगेगा हॉस्पिटल

अस्पताल परिसर में एंट्री करते ही दृश्य किसी हुक्का बार जैसा नजर आता है। लेकिन फर्क यह है कि यहां हुक्का नशे के लिए नहीं, बल्कि इलाज के लिए दिया जा रहा है। चिमनगंज मंडी स्थित इस अस्पताल में सैकड़ों मरीज अब तक इस पद्धति से लाभ ले चुके हैं।

कोरोनाकाल के बाद से बढ़ा प्रयोग

आयुर्वेदिक कॉलेज के एमडी डॉ. निरंजन सराफ के अनुसार, यह पद्धति नई नहीं है। प्राचीन समय से ही धूम्र चिकित्सा (धूमपान चिकित्सा) आयुर्वेद का हिस्सा रही है, लेकिन कोरोनाकाल के बाद इसे फिर से अपनाया गया। उन्होंने बताया कि हर्बल हुक्के का धुआं फेफड़ों की नलियों को खोलता है। संक्रमण फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट करता है और ऑक्सीजन लेवल को बेहतर करता है। कोरोना से उबरने वाले बुजुर्गों में सांस फूलने और लंग्स इन्फेक्शन जैसी दिक्कतें बनी रहती हैं, जिनमें यह पद्धति काफी उपयोगी साबित हो रही है।

सिर्फ दमा ही नहीं, कई रोगों में लाभकारी

इस हर्बल हुक्के से न केवल दमा बल्कि सायनस, सर्दी, सांस की दिक्कतें और फेफड़ों की कई अन्य समस्याओं में भी आराम मिल रहा है। इसमें किसी प्रकार का तंबाकू या हानिकारक रसायन नहीं होता, बल्कि यह विशेष जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है।

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