भोपाल। बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी की नेता प्रतिपक्ष ने सराहना की है। उमंग सिंघार ने कहा कि बदले की कार्रवाई के तहत जिस तरह भाजपा शासित राज्य सरकारें घर गिरा रही हैं, उसे सुप्रीम कोर्ट ने भी गलत बताया।

उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, बीजेपी शासित राज्यों में ‘बुलडोजर न्याय’ पर सुप्रीम कोर्ट का हथौड़ा चला। आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि कोई दोषी हो, तो भी उसका घर नहीं तोड़ा जा सकता। अवैध निर्माण तोड़ने के लिए भी पहले नोटिस दिया जाना चाहिए। बदले की कार्रवाई के तहत जिस तरह भाजपा शासित राज्य सरकारें घर गिरा रही हैं, उसे सुप्रीम कोर्ट ने भी गलत बताया। 

मध्य प्रदेश के मोहम्मद हुसैन और राजस्थान के राशिद खान की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी। इस पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच सुनवाई कर रही थी। इस दौरान अदालत ने कहा, ‘कोई आरोपी है, सिर्फ इसलिए एक घर को कैसे गिराया जा सकता है? अगर वह दोषी है, तो भी इसे नहीं गिराया जा सकता…।’ अदालत इस मामले पर अगले सोमवार को आगे की सुनवाई करेगा।

 सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि किसी भी संपत्ति को सिर्फ इसलिए नहीं ढहाया जाता, क्योंकि वह किसी आपराधिक केस में शामिल या दोषी से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि ऐसा तब ही होता है, जब ढांचा गैर कानूनी हो।

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