
भोपाल ब्यूरो। Umang Singhar In Lokayukta Office: मध्य प्रदेश में बीते साल मिले सोने की ईंट और 10 करोड़ कैश कांड ने जमकर सियासी बवाल मचाया। मामला इतना गरमाया कि इसकी आंच विधानसभा तक पहुंच गई। सदन में विपक्ष ने गगनभेदी नारे लगाते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार आज लोकायुक्त कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने पूर्व परिवहन मंत्री और वर्तमान मंत्री गोविंद राजपूत के खिलाफ लोकायुक्त के खिलाफ दस्तावेज सौंपे। साथ ही सम्पत्ति अटैच करने की मांग की है।
उमंग सिंघार बोले- परिवहन विभाग का बजट 150 करोड़ का था, घोटाला 5 हजार करोड़ का’
लोकायुक्त को ज्ञापन सौंपने के बाद उमंग सिंघार ने इस मामले में बड़ा घोटाला होने की आशंका जाहिर की है। उन्होंने कहा, “परिवहन विभाग का बजट सिर्फ डेढ़ सौ करोड़ का था, लेकिन घोटाला 5000 करोड़ का है। यह पूरा जनता का पैसा है।”

सिंघार ने जांच एजेंसी की कार्रवाई पर उठाए सवाल
उमंग सिंघार ने जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “इतनी सारी जांच एजेंसी मालूम नहीं कर पाई कि सोने की ईंट मिल रही हैं यह किसकी है? हजारों करोड़ों की जमीन भोपाल और दिल्ली में खरीदी गई है, अभी तक स्पष्ट नहीं किया है। जांच की गति धीमी है।” एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने लिखा, “परिवहन घोटाले में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की खबरें सामने आयी हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है जो प्रदेश की जनता की कमाई का दुरुपयोग और प्रशासनिक पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है। तीन महीने हो चुके हैं मगर अब भी जांच एजेंसियों के हाथ खाली हैं। आखिर जांच एजेंसियां कब करेगी सख्त कार्रवाई।”

जांच हुई तो बड़े मगरमच्छ पकड़े जाएंगे: सिंघार
उमंग सिंघार ने यह भी आरोप लगाए कि डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति चुनावी घोषणा पत्र में छुपाई गई है। प्रमाण के साथ हमने कागज दिए हैं। लोकायुक्त ने जांच करने का आश्वासन दिया है। कांग्रेस ने यही मांग की है कि इसकी जांच पूरी हो। इतनी सारी जांच एजेंसी होने के बावजूद भी सरकार इसे छुपा रही है। अगर जांच होगी तो बड़े मगरमच्छ भी इसमें पकड़े जाएंगे।

लोकायुक्त को दी जानकारी
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने यह भी कहा कि हमने पूर्व परिवहन मंत्री (गोविंद राजपूत) और उनके साथियों के बारे में सारी जानकारी दी है। सदन में इस पर चर्चा होगी स्पीकर ने आश्वासन दिया है। जांच बेहद ही धीमी चल रही है। उन्होंने कहा है कि जांच एजेंसी (लोकायुक्त) जांच कर रही है। लोकायुक्त ने स्पष्ट किया है कि यह प्रमाण वह जांच एजेंसी को देंगे। इसके बाद जांच होगी और फिर कार्रवाई भी होगी।
सिंघार का आरोप- ‘मंत्री गोविंद राजपूत, पत्नी और बेटे के नाम पर खरीदी गई करोड़ों की बेनामी संपत्ति’
उमंग सिंघार ने मीडिया से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि मंत्री गोविंद राजपूत, पत्नी और बेटे समेत कई लोगों के नाम पर बेनामी संपत्ति खरीदी गई है। उन्होंने कहा “पिछले 3 महीने से इस मामले में सरकार की ओर से लीपापोती की जा रही है। इसकी जांच की गति धीमी की जा रही है। करोड़ों रुपए का घोटाला है। प्रदेश की जनता का पैसा है। ईंटें निकल रही हैं लेकिन जनता को पता नहीं है कि यह किसका है। यह जनता की गाढ़ी कमाई से खरीदी गई ईंटे हैं। कांग्रेस विधायक दल इसलिए आज लोकायुक्त के पास आया था। हमने प्रमाण के साथ कागज़ दिए हैं और इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।”

उन्होंने आगे कहा, “अवैध रूप से खरीदी हुई बेनामी संपत्ति, परिवार वालों के नाम से खरीदी गई संपत्ति के रजिस्ट्री और प्रमाण सौंपे गए हैं। गोविंद राजपूत, उनकी पत्नी, बच्चों, परिवार, संजय श्रीवास्तव, संजय डालडे, वीरेश तुमराम जैसे कई लोग हैं, जिनकी प्रॉपर्टी की जानकारी दी गई है।”
नेता प्रतिपक्ष ने की जांच कर संपत्ति अटैच करने की मांग
उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “परिवहन घोटाले में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। मगर जांच के नाम पर सिर्फ लापरवाही हो रही है। भाजपा के बड़े नेताओं ने कई बड़े पदों पर रहते हुए भ्रष्टाचार कर अपने स्वयं एवं पत्नी तथा पुत्रों, रिश्तेदारों और अन्य लोगों के नाम से सैकड़ों एकड़ जमीनों की अवैध लेनदेन कर खरीदी की है। इस बेनामी अवैध संव्यवहार की जांच किये जाने और संपत्ति अटैच करने की मांग को लेकर लोकायुक्त से मुलाकात कर उनसे जांच की मांग की ताकि प्रदेश की आम जनता की मेहनत की कमाई के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोका जा सके।
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