अनिल सक्सेना, रायसेन। कोरोना संक्रमण काल में लोग अपने अपने हिसाब से सेवा भावना की अलख जगाए हुए हैं. कोई कोरोना मरीजों को आर्थिक मदद कर योद्धा की भूमिका निभा रहा है तो कोई मरीजों की सेवा. कोई मुक्तिधाम में शोक में डूबे परिजनों का सहयोग कर रहा है. कोरोना संक्रमण रोकने की लड़ाई में लोग अपने अपने स्तर से देश का साथ दे रहे हैं

वही रायसेन के नकतरा निवासी रोहित साहू ऐसे कोरोना योद्धा हैं जो लोगों को कोरोना से जागरूक करने के लिये गांव गांव जाकर दीवारों पर कोरोना से बचाव के स्लोगन लिखकर जागरूक कर रहे हैं. रोहित इस कार्य के लिए किसी से कोई भी मदद नहीं लेते हैं.

नकतरा निवासी रोहित साहू अपने स्तर से देश सेवा में लगे हुए

कोरोना से इस लड़ाई में जहां पूरा देश एकजुट होकर कोरोना को हराने का प्रयास कर रहा है. वहीं नकतरा निवासी रोहित साहू अपने स्तर से देश सेवा में लगे हुए हैं. रोहित गांव गांव जाकर दीवारों पर कोरोना से बचाव के स्लोगन लिखते हैं और कोरोना से अपनी रक्षा करने की लोगों से अपील भी करते हैं.

अभी तक करीब 27 पंचायतों में जा जाकर कोरोना से बचाव के स्लोगन लिख चुके
आपको बता दें कि रोहित अभी तक करीब 27 पंचायतों में जा जाकर कोरोना से बचाव के स्लोगन लिख चुके हैं. वे इस काम के लिए कोई शुल्क नहीं लेते है. वहीं रोहित का कहना है कि लोगों को जागरूक करने के लिए मैं स्लोगन लिख रहा हूं और लोगों से घर में रहने की अपील करता हूं. ताकि हम सभी सुरक्षित रह सके और सब मिलकर इस कोरोना की जंग जीत सके. रोहित लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क लगाने और 2 गज की दूरी बनाए रखने की अपील भी कर रहे हैं.

सुबह अपनी मोटरसाइकिल से निकल जाते

वे सुबह अपनी मोटरसाइकिल से निकल जाते हैं और दिन भर गांव गांव जाकर कोरोना से बचाव के स्लोगन लिखते हैं. इस दौरान वे कोरोना गाइडलाइन के नियमों का पालन भी करते हैं. अपने साथ सेनेटाइजर की शीशी लेकर चलते हैं. वे हमेशा मास्क पहुने हुए रहते हैं जिससे वे संक्रमण से बच सके. जितने भी गांव में स्लोगन लिख कर वे ग्रामीणों को जागरूक कर चुके हैं उन गांवों के लोग उनके इस काम की सराहना कर रहे हैं.

पुलिस प्रशासन से मिली प्रेरणा
उन्होंने बताया कि उनको यह प्रेरणा पुलिस प्रशासन से मिली है. जब लोग कोरोना संक्रमण रोकने घरों में ही रह रहे हैं ऐसे में पुलिस के जवान जान जोखिम में डालकर दिनरात सड़क पर मेहनत कर रहे हैं. इससे उनको भी संक्रमित होने का खतरा रहता है. इसके बाद भी वे 24 घंटे ड्यूटी कर समाज की ही सेवा कर रहे हैं. मैंने भी लोगो को जागरूक करने स्लोगन लिखकर समाज की सेवा करने का बीड़ा उठाया है.

Read More : MP: इस कैदी ने पेश की मानवता की मिसाल, जेल प्रशासन ने बढ़ाया पैरोल