कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के PHE विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के नाम पर एक सनसनीखेज फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जिसने सबको हैरान कर दिया। एक परिवार ने न केवल नियमों को ताक पर रखा, बल्कि जिंदा पिता को कागजों में मृत बता कर तीन-तीन सरकारी नौकरियां हासिल कर लीं। मामला तब शुरू हुआ जब पंप अटेंडर भूप सिंह को उनके बड़े बेटे रवि ने कागजों में मृत घोषित कर अनुकंपा नियुक्ति हासिल की, जबकि भूप सिंह उस समय विभाग में नौकरी कर रहे थे।
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इसके बाद, रवि की मौत पर उनकी पत्नी उमा राजपूत को भी अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई। इतना ही नहीं, भूप सिंह की मृत्यु के बाद उनके छोटे बेटे ने भी नौकरी हासिल कर ली। इस तरह, जहां नियम के तहत परिवार को केवल एक नौकरी मिलनी थी, वहां तीन लोगों को नौकरियां दी गईं। जब उमा राजपूत की नियुक्ति की जांच शुरू हुई, तो परत-दर-परत यह पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया। आरोप है कि PHE विभाग के बड़े अधिकारियों की सांठगांठ के बिना इतना बड़ा खेल संभव नहीं था।
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अब इस मामले की जांच शुरू हो चुकी है, और उमा राजपूत को सेवा समाप्ति का नोटिस भी जारी किया गया है। यह मामला न केवल अनुकंपा नियुक्ति के नियमों की धज्जियां उड़ाता है, बल्कि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को भी उजागर करता है। जांच के नतीजे क्या होंगे, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन यह खबर चर्चा का विषय बन चुकी है।
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