कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। जिला एवं सत्र न्यायालय ने पत्नी द्वारा पति पर लगाए गए अप्राकृतिक कृत्य के मामले की सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण आदेश दिया है। इस आदेश को देने में कोर्ट ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के मामले में MP हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का हवाला भी दिया है।

आरोपी पति के अधिवक्ता अजय द्विवेदी के मुताबिक मामला साल 2020 का है, जब पवन की शादी 30 नवंबर 2020 को हुई थी। पत्नी ने 25 फरवरी 2024 को महिला थाना में एफआईआर में आरोप लगाया कि उसका पति शराब पीकर अप्राकृतिक कृत्य करता है। दहेज की मांग और मारपीट भी करता है। ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपी पति को क्लीनचिट देते हुए धारा 377 के आरोप से मुक्त किया। इस दौरान सत्र न्यायालय ने मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के मामले में हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि “पुरुष का पत्नी के साथ यौन क्रिया बलात्कार नहीं है यदि धारा 377 के तहत परिभाषित अप्राकृतिक यौन संबंध पति द्वारा पत्नी के साथ किया जाता है, तो इसे भी अपराध नहीं माना जा सकता”। हालांकि आरोपी पति पर दहेज प्रताड़ना अधिनियम घरेलू हिंसा मारपीट सहित अन्य धाराओं में ट्रायल जारी रहेगी।

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