मुकेश मेहता, बुधनी। Sawan 2025: मध्य प्रदेश के बुधनी में टपकेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां जोर से जयकारा लगाने पर प्रकृति खुद महादेव का अभिषेक करती है। भगवान शिव के अनेक रूपों में एक टपकेश्वर महादेव है। यहां पानी का स्रोत कहां से आता है, यह आज तक रहस्य बना हुआ है।
जितनी जोर से जयकारा लगाएंगे, उतनी तेजी से आएगा पानी
बुधनी विधानसभा की रेहटी तहसील में टपकेश्वर महादेव मंदिर मौजूद है। इसकी खासियत यह है कि यहां जितनी जोर से भगवान भोले का जयकारा लगाया जाता है, उतनी ही तेजी से गुफा में से शिवलिंग पर जल टपकता है। सावन ही नहीं साल के बारह महीने यहां प्रकृति भगवान शिव का अभिषेक करती रहती है।
भोलेनाथ के दर्शन कर धन्य हो जाते हैं भक्त
प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बारिश के महीने में चारों और हरियाली बिखरी हुई है। घटाएं पहाड़ों के नजदीक से होकर गुजर रही है। यह नजारा मन को मोह लेता है। इस प्राकृतिक दृश्य को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्तजन पहुंचते हैं। साथ ही भगवान शिव के दर्शन व अभिषेक करके खुद को धन्य मानते हैं।
भयंकर गर्मी में भी पहाड़ों से रिसता है पानी
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि यहां भयंकर गर्मी के दिनों में पहाड़ों से पानी रिसता रहता है। इस पानी से निरंतर भगवान भोले का अभिषेक होता रहता है। टपकते हुए पानी से भगवान का अभिषेक होने के कारण इनका नाम टपकेश्वर महादेव पड़ गया। यहां साल के बारह महीने श्रद्धालु अभिषेक-पूजन करने आते रहते हैं।
कई सिद्ध महात्माओं ने यहां तपस्या करके प्राप्त की है सिद्धियां
यह टपकता हुआ पानी आज तक भी रहस्य बना हुआ है। चट्टानों से बनी गुफा की विशेषता देखते ही बनती है। यहां विशेष पूजा-अर्चना यूं तो पूरे वर्ष चलती रहती है। लेकिन महाशिवरात्रि में इस स्थान का महत्व और बढ़ जाता है। यह गुफा दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में होने के कारण इस गुफा में सैकड़ों सिद्ध संत महात्मा पूजा, अर्चना करते हुए कई सिद्ध महात्माओं ने यहां तपस्या करके सिद्धियां प्राप्त की हैं।
यहां कैसे पहुंचे?
टपकेश्वर महादेव मंदिर रेहटी तहसील के नकटीतलाई कच्चा रास्ता है। जहां से पैदल चार से पांच किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। तो वहीं ग्राम बायां से टपकेश्वर जाने के लिए रोड का निर्माण भी किया जा चुका है। जो करीब 5 किलोमीटर दूर विध्यांचल पर्वतों की पहाड़ियों में बीचों-बीच स्थित है। मां बिजासन देवी धाम सलकनपुर से कुछ दूरी पर दुर्गम पहाड़ी में एक चैतन्य महादेव की गुफा है। उसी जगह टपकेश्वर महादेव विराजमान है।
मन मोह लेती हैं पहाड़ और हरियाली
वैसे तो यहां हर मौसम में भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन सावन माह और बारिश में यहां जाने का विशेष आनंद है। प्राकृतिक सुंदर छटा आसमान की ऊचाईयों को छूती पहाड़ियां किसी का भी मन मोह लेती है। हरी-भरी घास में लिपटे खूबसूरत पहाड़, झरने, नदियों का मनोरम दृश्य यहां आने वाले भक्तों को आकर्षित कर लेता है। अब तो यह स्थान पिकनिक स्पॉट बनता जा रहा है।
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