संदीप शर्मा, विदिशा। मध्यप्रदेश के विदिशा में ऐतिहासिक विजय मंदिर को दस्तावेज में मस्जिद लिखे जाने का मामला कोर्ट पहुंच गया है। मामले को लेकर 119 पन्नों की जानकारी एकत्र कर हाईकोर्ट ग्वालियर में रिट पिटीशन लगाई गई है। हाईकोर्ट ने इस रिट को सुनवाई के लिए मंजूर किया है।
मंदिर को मस्जिद लिखे जाने का खुलासा
दरअसल लगभग 2 साल पहले आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के दस्तावेज में विजय मंदिर को मस्जिद लिखे जाने का खुलासा हुआ था। कलेक्टर के पुराने पत्र से इस बात की जानकारी मिली थी। विदिशा के युवा शुभम वर्मा, सकल हिंदू समाज की ओर से मंदिर को खोले जाने वहां ताला खोलकर पूजा किए जाने की मांग करते आ रहे हैं। इस हक को पाने के लिए कई सालों से सैकड़ों लोग संघर्ष कर चुके हैं। कई समितियां भी इसके लिए काम कर रही हैं। शुभम वर्मा द्वारा न्यायालय की शरण लेकर इस आंदोलन को नया मोड़ दिया है।
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मंदिर को तोड़कर मस्जिद की शक्ल दी
उन्होंने बताया कि औरंगजेब द्वारा 350 साल पहले यहां मंदिर को तोड़कर मस्जिद की शक्ल दी गई थी। सालों से इसके लिए संघर्ष चलता रहा। वहीं 1965 में बाढ़ के बाद यहां मंदिर उभर कर सामने आया उसके बाद मुस्लिम समुदाय को अलग जमीन दे दी गई। यहां हिंदू मुस्लिम का विवाद नहीं है लेकिन दस्तावेज में ऐसे आज भी मस्जिद के रूप में माना गया है जिसका विरोध किया गया।
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अक्टूबर से हाईकोर्ट में सुनवाई
कई दिनों के सर्च और शिलालेख अन्य चीजों के दस्तावेज की जांच के बाद 119 पन्नों की जानकारी एकत्र कर हाईकोर्ट ग्वालियर में रिट पिटीशन लगाई गई है। आज प्रेसवार्ता में ग्वालियर हाईकोर्ट द्वारा इस रिट को सुनवाई के लिए मंजूर किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली के जाने माने वकील हरिशंकर जैन याचिकाकर्ता के रूप में शामिल हुए हैं उनके बेटे विष्णु शंकर जैन इस केस को लड़ रहे हैं। अक्टूबर से हाईकोर्ट में सुनवाई की उम्मीद है।
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