प्रदीप सिंह ठाकुर, देवास। पानी बिन सब सुन.. कहावत जिले की बागली तहसील क्षेत्र में चरितार्थ हो रही है. इसीलिए यहां के रहवासियों में प्रशासन-प्रशासन के प्रति काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। पानी की सुविधा के लिए क्षेत्र में किसी भी तरह की कोई योजना लागू नहीं हो पाई है। इसलिए रहवासियों को आज भी पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ता है। नाराजगी ऐसी कि अब लोगों ने ठान लिया है कि पानी नहीं, तो वोट नहीं। यहां तक कि नेताओं को क्षेत्र में प्रवेश भी नहीं करने देंगे। इसी मामले को लेकर पहली बार लोगों ने तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए मशाल रैली निकाली।

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ग्रामीणों से नेताओं एक ही मांग- पानी

ग्रामीणों का कहना है कि यहां आने वाले नेताओं से हमारी केवल एक ही मांग होती हैं, पानी। लेकिन अब तक मामले में नेताओं से केवल आश्वासन ही मिला है। जल आपूर्ति के लिए किसी तरह की कोई कार्रवाई होती नहीं दिखी है। लगभग 15 सालों से क्षेत्र के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। मामले को लगातार शासन-प्रशासन के पास रख रहे हैं।

झूठा निकला सीएम का वादा

पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने बताया कि पानी की समस्या दूर करने के लिए अब तक प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई बड़े नेताओं ने नर्मदा जल योजना के लिए आश्वासन दे चुके हैं, लेकिन वही ढाक के तीन पात वाली कहावत परेशानी वहीं की वहीं है।

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नारे लगाते हुए पहली बार निकाली रैली

बता दें कि परेशानी की अनदेखी से नाराज लोगों ने ठान लिया है कि पानी नहीं, तो वोट नहीं। उनका कहना है कि अब मांग पूरी होते तक नेताओं का प्रवेश भी बागली क्षेत्र में प्रतिबंधित रहेगा। इसी मांग को लेकर इन लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए मशाल रैली निकाली। नर्मदा लाओ नारे के साथ यह रैली गांव-गांव घूमेंगी और चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

उपचुनाव से क्षेत्र में बढ़ी नेताओं की सक्रियता

आपको बता दें कि बागली विधानसभा खंडवा लोकसभा सीट में आता है। जहां उपचुनाव होना हैं, जिसके चलते नेताओं की सक्रियता क्षेत्र में बढ़ने लगी है। इस बीच यहां की जनता ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। पानी की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में एक मशाल रैली निकाली गई। रहवासियों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांग का स्थाई हल नहीं होने तक चुनाव में वोट नहीं डालेंगे और बागली में नेताओं को प्रवेश भी नहीं करने देंगे।

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