हेमंत शर्मा, इंदौर। एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा पर अब न केवल मीडिया से बदसलूकी के आरोप लगे हैं, बल्कि उनके खुद के स्टाफ ने भी लिखित में डीसीपी से शिकायत की है। सूत्रों के मुताबिक, शिकायत में कर्मचारियों ने साफ लिखा है कि “हमें कहीं और ट्रांसफर कर दीजिए, हम ऐसे अफसर के साथ काम नहीं कर सकते।”
जांच बैठी न ही कोई कार्रवाई हुई
ये वही अधिकारी हैं, जिन्होंने कुछ दिन पहले एक हत्या के मामले में सवाल पूछने पर मीडिया से यह तक कह दिया था – “तुम्हारी औकात क्या है?” अब सवाल यह है कि जिस अफसर का व्यवहार अपने अधीनस्थ स्टाफ तक के साथ ठीक नहीं है, वह आम जनता और शिकायतकर्ताओं के साथ कैसा व्यवहार करता होगा? शिकायतों के बावजूद अब तक उनके खिलाफ न कोई जांच बैठाई गई, न ही कोई कार्रवाई हुई।
पुलिस व्यवस्था की साख और निष्पक्षता पर सवाल
चर्चा है कि आलोक शर्मा अपने राजनीतिक रसूख और ऊपरी दबाव का उपयोग कर जांच को टालते रहे हैं। यही वजह है कि शिकायत के बावजूद विभाग मौन है और कोई ठोस कदम नहीं उठा। स्टाफ की मानें तो आलोक शर्मा का रवैया अपमानजनक है। कई बार उनका व्यवहार मानसिक दबाव तक पैदा करता है। सबसे गंभीर बात ये है कि जब खुद विभाग के अंदर अधिकारी अपने ही कर्मचारियों के लिए “अयोग्य” साबित हो रहे हैं, तब यह पुलिस व्यवस्था की साख और निष्पक्षता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
इस शिकायत को भी दबा दिया जाएगा?
शिकायत करने वाले कर्मचारियों ने तो हिम्मत दिखाई, लेकिन आम नागरिकों और फरियादियों की आवाजें अक्सर दबी रह जाती हैं। ऐसे में सवाल यही है कि क्या पुलिस विभाग अब भी ऐसे अधिकारियों को ढाल देगा, जो न केवल लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अपमान करते हैं, बल्कि अपने ही मातहतों का मनोबल तोड़ने का काम करते हैं? अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या पुलिस विभाग राजनीतिक दबाव से ऊपर उठकर एक सख्त फैसला लेगा या फिर इस शिकायत को भी दबा दिया जाएगा?

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें