धर्मेंद्र ओझा, भिंड। मध्यप्रदेश के भिंड जिले में महिला तहसीदार द्वारा एसडीएम और कलेक्टर पर गंभीर आरोप का मामला सामने आया है। मामले का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वायरल ऑडियो की पुष्टि लल्लूराम डॉट काम नहीं करता है। मामला भिंड जिले की मौ तहसील का है जहां तहसीलदार माला शर्मा को कुछ माह पूर्व मनमाने तरीके से आरोप लगाते हुए गोहद अटैच कर दिया। नियम विरुद्ध हुए अटैचमेंट के खिलाफ माला शर्मा ने उच्च न्यायालय की शरण ली, जहां दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने श्रीमति शर्मा को स्थगन आदेश जारी कर दिया। इस स्थगन आदेश से कलेक्टर को इतना बुरा लगा कि उन्होंने तहसीलदार को कुछ ही समय में लगभग एक दर्जन नोटिस जारी कर दिए।
तहसीलदार ने सवाल सुनते ही फोन काट दिया
दरअसल बीते सप्ताह अतिवर्षा के कारण आई बाढ़ का निरीक्षण करने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव मौ आए। निरीक्षण के दौरान तहसीलदार माला शर्मा और एस.डी.एम पराग जैन उपस्थित मिले, बावजूद इसके कलेक्टर ने अपनी व्यक्तिगत टसन के चलते लहार तहसीलदार उदय सिंह जाटव को बाढ़ आपदा के लिए मौ तहसीलदार का प्रभार दे दिया। इतना ही नहीं कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और एस.डी.एम पराग जैन ने बगैर किसी आदेश के उदय सिंह जाटव की मौ तहसीलदार की आईडी बना दी।
अब यहां सवाल यह पैदा होता है कि क्या न्यायालय का आदेश मोहन सरकार के अधिकारियों के लिए कोई मायने रखता है या नहीं? वैसे कलेक्टर अपने कार्यों को लेकर चर्चा में रहते हैं। फिर चाहे उनके स्टेनो राज कुमार गुप्ता का अटैचमेंट हो या महिला बाल विकास विभाग में समूहों का अनुबंध के बाद रद्द करना और फिर पुनः बहाल करना। इस मामले में तहसीलदार उदय सिंह जाटव का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने सवाल सुनते ही फोन काट दिया।
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