कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, जबलपुर की महिला कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव यानी ’बाल देखभाल अवकाश’ की सुविधा न दिए जाने के मामले में बैंक प्रबंधन और सहकारिता विभाग को अहम निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने याचिकाकर्ता शिंजिनी दुबे और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए, संबंधित अधिकारियों को 60 दिनों के अंदर इस मामले पर अंतिम निर्णय लेने का आदेश दिया है।
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याचिकाकर्ता, जो जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, जबलपुर में कार्यरत महिला कर्मचारी हैं, इस बात से असंतुष्ट थीं कि बैंक में महिला कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव देने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि वे बाल देखभाल अवकाश के दायरे में आती हैं और उनके बच्चे 18 वर्ष से कम आयु के हैं, लेकिन नीतिगत कारणों से बैंक छुट्टी स्वीकृत नहीं कर रहा है। याचिकाकर्ताओं ने इस संबंध में बैंक को एक विस्तृत अभ्यावेदन भी प्रस्तुत किया था, जिस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
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न्यायालय ने संयुक्त पंजीयक, सहकारी संस्थाएं और बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश दिया कि वे संगठनात्मक आवश्यकताओं और बच्चों के अधिकारों का आकलन करते हुए 60 दिनों के अंदर इस मामले में अंतिम निर्णय लें। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निर्णय की जानकारी याचिकाकर्ताओं को दी जाए और यदि कोई प्रतिकूल निर्णय लिया जाता है, तो याचिकाकर्ताओं को कानून के अनुसार उसे चुनौती देने की स्वतंत्रता होगी। हाई कोर्ट के इस निर्देश से सहकारी बैंक की महिला कर्मचारियों में चाइल्ड केयर लीव सुविधा मिलने की उम्मीद जगी है।
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