कुमार इंदर, जबलपुर। अपने नवाचार करने के लिए जाने जाने वाले जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना फिर एक बार कुछ ऐसा कर दिखाया कि सब उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे। सांसद हो या फिर अन्य जनप्रतिनिधि सबने एक स्वर में कहा काम हो तो ऐसा।
जनप्रतिनिधियों ने इस नवाचार की सराहना की
करीब 100 साल पुराने सरकारी रिकॉर्ड को अब तक जबलपुर के कलेक्टर कार्यालय में कमरों में गठरियों से बांधकर रखा जाता था लेकिन अब हालात पूरी तरह से बदल गए हैं। कलेक्टर ने एक अनोखी पहल करते हुए जबलपुर के रिकॉर्ड रूम को नया स्वरूप प्रदान किया है। कलेक्टर ने पूरे दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन करने के साथ ही 100 साल पुराने दस्तावेजों को अलग अलग बॉक्स में सहेज कर रखा गया है। जिला कलेक्टर कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में नई व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे जबलपुर जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी इस नवाचार की सराहना की और कलेक्टर दीपक सक्सेना की तारीफ की।
दो लाख दस्तावेज को डिजिटल रूप दिया
कलेक्टर कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में राजस्व रिकॉर्ड के अलावा अन्य सरकारी दस्तावेज लावारिस हालत में पड़े रहते थे और यहां आने वाले लोगों को अपने दस्तावेज खोजने में न केवल कई दिनों तक का समय लगता था बल्कि अधिकारियों से लेकर बाबुओं के चक्कर लगाने पड़ते थे। रिकॉर्ड रूम को नया स्वरूप मिलने के बाद लोगों की परेशानी खत्म हो गई है। अब उन्हें पल भर में ही अपने दस्तावेज आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे। रिकॉर्ड रूम को नया स्वरूप देने के साथ ही यहां के करीब दो लाख दस्तावेजों को डिजिटल रूप दिया गया है। इस तरह से सहेजा गया है कि इन्हें ढूंढने में भी परेशानी नहीं होगी।

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