धमेंद्र यादव, निवाड़ी। मध्य प्रदेश निवाड़ी जिले से एक निजी अस्पताल प्रबंधन की मनमानी सामने आई है। जहां मरीज को दो लाख रुपये में ठीक करने की गारंटी दी गई, फिर परिजनों को 7 लाख रुपये का बिल थमा दिया गया। यह मामला ओरछा तिगेला पर स्थित यथार्थ हॉस्पिटल का है।
इस मामले में बिहारीपूरा निवासी आशिक यादव ने बताया कि पिता राजेंद्र यादव की दिमाग की नश फट गया था। उन्हें इलाज के लिए 18 जनवरी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। डॉक्टर मनोज कुमार ने दो लाख रुपये में पिता को ठीक करने की गारंटी दी थी। लेकिन एक महीने होने के बाद भी पिता की हालत में सुधार नहीं हुई। जिसके बाद उन्होंने छुट्टी करने की बात कही, इस पर अस्पताल की ओर से 7 लाख रुपये का बिल थमा दिया गया।
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मरीज के बेटे की मानें तो 4 लाख रुपये जमा करने के बाद भी और चार लाख की मांग की जा रही है। वहीं तीन दिनों से न तो परिजनों को मरीज से मिलने दिया जा रहा है और न मरीज की छुट्टी की जा रही है। हालांकि, इस मामले में अब तक परिजनों ने किसी से इसकी शिकायत नहीं की है।
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