धर्मेंद्र यादव, निवाड़ी। मध्यप्रदेश के निवाड़ी जिले के ओरछा में स्थित जहांगीर महल में खुदाई के दौरान पुराने घरों के अवशेष मिले हैं। इस विकसित संस्कृति की जानकारी पुरातत्व विभाग की खुदाई में सामने आ रही है। जहां पर 500 साल पुरानी विकसित संस्कृति और सभ्यता से जुड़ी कई महत्वपूर्ण चीजें मिली है। इन कॉलोनियों में राजा के मंत्री, अधिकारी और सूबेदार साथ रहते थे।

दरअसल, शासन के निर्देशन पर ओरछा के जहांगीर महल के दक्षिणी भाग खुदाई का काम कराया जा रहा है। किले परिसर के 600 मीटर के क्षेत्र में खुदाई और सफाई का काम किया जा रहा है। खुदाई में उस समय के मकान आदि के अवशेष और अन्य सामग्री भी मिली है। मजदूरों से संभलकर खुदाई कराई जा रही है।

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अब तक की खुदाई में यहां पर दो कॉलोनियों के अवशेष मिले है। पुराने आलीशान मकान के साथ ही सड़क, उस समय के मिट्टी और टेराकोटा के बर्तनों के साथ ही अन्य चीजें मिली है।

इन कॉलोनियों को देखकर पता चलता है कि उस समय भी ओरछा राज्य को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए राजा ने अपने मंत्री, वजीर और सूबेदारों को कॉलोनी बनाकर रखा होगा। इससे सभी की सुरक्षा के साथ ही राजकीय कार्य में सुविधा होती होगी। यहां पर मिल रहे अवशेषों से स्पष्ट होता है कि यह पूरा निर्माण एक सुरक्षित कैंपस नुमा एरिया रहा होगा।

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ये है ओरछा का इतिहास

ओरछा की स्थापना 15वीं सदी में बुन्देला राजा रूद्र प्रताप सिंह ने की थी। ओरछा अपने राजा महल, रामराजा मंदिर, शीश महल, जहांगीर महल आदि के लिये प्रसिद्ध है। बुन्देला शासकों के दौरान ही ओरछा में बुन्देली स्थापत्य कला का विकास हुआ है। ओरछा में बुन्देली स्थापत्य के उदाहरण स्पष्ट तौर पर देखे जा सकते है। जिसमें यहां की इमारतें, मंदिर, महल, बगीचे आदि शामिल है। इनमें राजपूत और मुगल स्थापत्य का मिश्रण भी देखने को मिलता है। 500 साल पहले पहले भी 15वीं शताब्दी में ओरछा सबसे विकसित रियासतों में शामिल हुआ करता था। उस समय भी यहां पर सर्वसुविधायुक्त कॉलोनियां थी और इसमें राजा के मंत्री और सूबेदार साथ रहते थे।

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