अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority-NCTA) की बड़ी बैठक होगी। देशभर के टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) की समस्याओं पर दो दिवसीय मंथन होगा। पहली बार भोपाल में NTCA की बैठक होने जा रही हैं। यह मीटिंग केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupender Yadav) की अध्यक्षता में 28 और 29 मई को IIFM कैंपस में होगी।

इस बैठक में केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे समेत NTCA के सदस्य, तीन सांसद सुशील मोदी, दिया कुमारी, कीर्तिवर्धन सिंह भी शामिल हो सकते हैं। जिसमें देशभर के टाइगर रिजर्व से जुड़े मुद्दे और उनकी समस्याओं के निराकरण पर चर्चा होगी। इस बैठक में टाइगर के अलावा चीता प्रोजेक्ट (Cheetah Project) पर भी समीक्षा हो सकती है। हाल ही में चीता प्रोजेक्ट के लिए 11 सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी (Cheetah Steering Committee) का गठन किया गया है।

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CM ने कूनो में चीतों की मौत के संबंध में ली जानकारी

इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास समत्व भवन में प्रदेश में चीतों के बसाने संबंधी गतिविधियों की समीक्षा हुई। मुख्यमंत्री को वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने चीतों को बसाने, उनको क्वॉरेंटाइन रखने की अवधि और उनकी देख-रेख से जुड़े विभिन्न पहलु पर जानकारी दी गई। सीएम ने कूनो में चीतों की मौत के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट ली है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) द्वारा कूनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) में चीतों की वर्तमान स्थिति और चीता शावकों की मृत्यु के कारणों की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि 23 मई को चीता शावकों की हुई मृत्यु के संभावित कारण पोषण में कमी तथा अत्यंत गर्मी का मौसम प्रतीत होता है। चौथे शावक को रेस्क्यू कर वन्य-प्राणी चिकित्सकों की निगरानी में इलाज किया जा रहा है। शावक के स्वास्थ्य में सुधार दिख रहा है। मृत शावकों का वजन अत्यंत कम 1.6 कि.ग्रा. था, जबकि मानकों के अनुसार इस आयु के शावकों का वजन लगभग 3 कि.ग्रा. होना चाहिये। कुल छह चीतों को खुले जंगल में छोड़ा गया है, जिनकी दिन-रात मॉनिटरिंग की जा रही है।

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कूनो के अलावा प्रदेश के दो अन्य अभयारण्य में चीतों को बसाने की योजना

आगामी दिनों में 3 और चीतों को खुले जंगल में छोड़े जाने की योजना है। गांधीसागर अभयारण्य में भी आवश्यक तैयारी प्रारंभ हो चुकी हैं, जो नवंबर तक पूरी होने की संभावना है। इसी तरह नौरादेही अभयारण्य में भी तैयारी प्रारंभ की जानी है। बैठक में निर्देश दिये गये कि नौरादेही और गांधीसागर अभयारण्य में इन तैयारियों के लिए टाइम लाइन निर्धारित कर इसे नवगठित प्रोजेक्ट चीता स्टीयरिंग कमेटी से अनुमोदन करवायें। इस बैठक के दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रधान मुख्य वन संरक्षक रमेश कुमार गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) जे.एस. चौहान और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) शुभ रंजन सेन उपस्थित रहे।

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