राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश नर्सिंग फर्जीवाड़े में सरकार एक्शन में है और लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में अब तत्कालीन रजिस्ट्रार चंद्रकला दिगवैया को भी बर्खास्त कर दिया गया है। शासन ने इसका आदेश जारी कर दिया है। दिगवैया पर आरोप है कि उन्होंने नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में निर्धारित मापदंडों की अनदेखी की। कई ऐसी संस्थाओं को मान्यता दी गई, जो पात्र नहीं थे। इससे पहले नर्सिंग काउंसिल की तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को भी सेवा से बर्खास्त किया गया था।  

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दरअसल मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े का खुलासा उच्च न्यायालय द्वारा गठित टीम और सीबीआई की जांच के बाद हुआ। इन जांचों में पाया गया था कि कई नर्सिंग कॉलेजों को नियमों की अनदेखी कर मान्यता दी गई थी। इन कॉलेजों की अपात्रता की पुष्टि होने के बाद सरकार ने तत्कालीन रजिस्ट्रारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।

मुख्य आरोपियों पर कब होगी कार्रवाई- रवि परमार 

नर्सिंग फर्जीवाड़े में हो रही कार्रवाई पर NSUI नेता रवि परमार का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सरकार तत्कालीन रजिस्ट्रारों पर कार्रवाई कर रही है। लेकिन हम सरकार से पूछना चाहते है कि नर्सिंग घोटाले के सरगना तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग पर कब कार्रवाई होगी ? तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा आयोग निशांत वरवड़े पर कब कार्रवाई होगी ? लगातार शिकायत के बाद भी आरोपियों को बचाने का प्रयास किया गया। 

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वहीं मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति अशोक खंडेलवाल, रजिस्ट्रार पुष्पराज बघेल जो अभी तक अपने पद पर बने हुए है, उन पर सरकार कब कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते है कि छोटी-छोटी कार्रवाई से कुछ नहीं होगा, तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री से इस्तीफा ले और जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई करें।  

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