हेमंत शर्मा, इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत देश भर में पेड़ लगाए जाने वाले हैं। इस मामले में सफाई के बाद अब इंदौर ने पेड़ लगाने के अभियान में भी नंबर 1 बनने की तैयारी कर ली है। यहां 7 से 14 जुलाई के बीच 51 लाख पौधारोपण करने का अभियान शुरू किया जा रहा है। अभियान की शुरुआत रविवार 16 जून को प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव करेंगे। यह अभियान प्रदेश के नगरीय विकास, आवास एवं संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में किया जा रहा है। पेड़ लगाने की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है। जो अपनी सीमा से बाहर जाकर भी पेड़ लगाएगा।

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मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि इस अभियान को पूरा करने के लिए अब तक शहर के अलग अलग शासकीय विभाग, संस्थाओं, समाज, इंडस्ट्रीज, व्यापारिक संगठन, रहवासी संघों के साथ 50 बैठक की जा चुकी है। इसे पूरे शहर का मिशन बना दिया है। यह विश्व का सबसे बड़ा पौधारोपण अभियान बनने वाला है। इंदौर में 3000 लोकेशन पर पौधे लगाए जायेंगे, जिनकी मैप पर जियो टैगिंग भी की जाएगी। इसकी वेबसाइट पर कोई भी व्यक्ति देख सकेगा, उसके घर के नजदीक कहा प्लांट लगा रहे है। जमीन देखकर पौधे लगाएंगे कौन सा पौधा कहां लगेगा यह तय किया जा चुका है। 

कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि पौधरोपण के लिए गड्ढे करने के लिए 20 पोकलैंड, 25 जेसीबी, 250 मजदूर जुटे हुए हैं। अलीराजपुर और झाबुआ से भी एक्सपर्ट आयेंगे जो रेवती पकड़ी पर प्लांटेशन करेंगे। यह शहर की मानसिकता बदलने का अभियान है। इसमें हम एक प्रयोग करने वाले है।  एक व्यक्ति 10 पेड़ लगाएं। हमारे पूर्वजों के नाम छोटे छोटे वन बने, रामायण के सभी पात्रों के नाम से भी छोटे वन बनाएंगे। 

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उन्होंने आगे बताया कि इस अभियान के लिए 51 लाख गड्ढे खोदना सबसे बड़ी चुनौती था। पहले दिन 7 हजार गड्ढे हुए थे, जिनकी संख्या बढ़ती जा रही है और कल से 2 लाख गड्ढे हर दिन होंगे। इंदौर प्रशासन के सभी विभाग के अधिकारी इसमें जुटे हुए है। यही नहीं अगली पीढ़ी को भी इसके लिए तैयार करने के उद्देश्य से हर स्कूल में बच्चों के लिए बीज और थैली देंगे, स्कूल संचालक मिट्टी देंगे और स्कूल के बच्चे पौधे लगाएंगे। ये बच्चे पेड़ बनाएंगे तो आने वाले समय में पेड़ खरीदने नहीं पड़ेंगे। 

इस अभियान के लिए 40 लाख पेड़ वन विभाग से, 10 लाख पेड़ अलग अलग जगह से लिए जायेंगे। साउथ इंडिया से जितने के पेड़ खरीदे, उतना खर्च लाने में लग रहा है। इस अभियान के माध्यम से हम पूरी दुनिया को मार्गदर्शन देंगे। पहले यह अभियान 1 दिन में करने की योजना थी। लेकिन शहर के सभी पर्यावरणविद के साथ बैठे तो पता चला कि पेड़ लगा देंगे, लेकिन सुरक्षित नहीं रहेंगे। सही तरह से पेड़ लगाने की ट्रेनिंग आम जनता को दी जाएगी। पौधे प्लास्टिक की थैली में होंगे तो उसे कैसे निकालें ताकि पौधे की जड़ में नुकसान न हो इसकी जानकारी आम जनता को वीडियो के माध्यम से देंगे। 

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वन विभाग से उनके प्लांटेशन के बारे पूछने पर उन्होंने बताया कि 30 प्रतिशत पौधे भी बढ़ जाते है तो वो पर्याप्त है। लेकिन हमारा प्रयास है कि सभी 100 प्रतिशत पौधे जीवित रहे। इसके लिए हम टीम बनाएंगे। यदि कोई पेड़ सूख जाए तो उसे बदल दिया जाए। दूसरे राज्यों के पेड़ वहां के मौसम के अनुसार होते है। यहां लगाने में कुछ नष्ट हो सकते हैं। ऐसे पौधों को बदलने के लिए 5 लाख पेड़ एक्स्ट्रा रहेंगे। 

इस अभियान में नगर निगम नोडल एजेंसी है, जो निगम सीमा के बाहर भी पौधे लगाने में मदद करेगा। किसान चाहे तो फलदार वृक्ष फ्री देंगे, बागड़ की बाउंड्री में बांस लगाए, 6 साल में बढ़ जाता है उसकी कीमत बढ़िया हो जाती है। सरकार बांस को प्रमोट कर रही है। अभियान का उद्देश्य मुख्य तौर पर ऑक्सीजन बढ़ाना, धरती का तापमान कम करना, पेड़ लगाकर भूजल बढ़ाना, प्रदूषण कम करना है। प्रयास है कि शहर का हर व्यक्ति पेड़ लगाए। 

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प्रतिपक्ष से भी पेड़ लगाने के अभियान में शामिल होने के लिए बात करेंगे। प्रदेश के आगामी बजट में नई कंडिका बना रहे है। हर शहर में जनसंख्या के आधार पर उसके पेड़ होना चाहिए, छोटे छोटे वन होना चाहिए। नए बजट में इसका प्रावधान रहेगा। कल सीएम डॉ मोहन यादव अभियान का नाम, लोगो, टी शर्ट, प्रचार प्रसार की सामग्री का विमोचन करेंगे। हर पौधे में साथ प्लेट भी लगाएंगे, जिसमे पेड़ लगाने वाले का नाम लिखा होगा। ये प्लेट बेहद कम दामों में उपलब्ध करवाएंगे।  

14 जुलाई को 11 लाख पेड़ रेवती रेंज में लगाकर रिकॉर्ड बनाएंगे। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम गड्ढे गिनेगी, पूरे अभियान पर नजर बनाए रखेगी। अपील के बाद इस कैंपेन का नाम, स्लोगन, गाना तय करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से 5 हजार मैसेज मिले है। नंदानगर में हर गली किसी किस्म के फल और सब्जी के नाम होगी। यहां क्षेत्र 2 के विधायक रमेश मेंदोला के नेतृत्व में साढ़े 3 हजार पेड़ लगाए जायेंगे।

इस अभियान का खर्च नगर निगम, प्रदेश शासन और जन भागीदारी से खर्च उठाएंगे, जो करोड़ों रुपए है। इसमें शाम होने के लिए पीएम को भी आमंत्रित किया है, गृह मंत्री ने कहा है वो भी आ सकते है, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भी अभियान में शामिल होंगे।

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