राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव का शंखनाद हो चुका है. मप्र में पंच-सरपंच और महापौर अब बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे. चुनावी माहौल में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नया नवाचार किया है. चुनाव जीतने वाले जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. आयोग ने प्रदेशभर के कलेक्टर्स को अनुशंसा भेजा है.

कलेक्टर्स को भेजे गए अनुशंसा में कहा गया है कि जीत के प्रमाण पत्र के साथ बाल अधिकार सुरक्षा शपथ-पत्र सौंपे जाएं. शपथ-पत्र पर जीतने वाले प्रत्याशियों के हस्ताक्षर लिए जाएं. बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों का संरक्षण जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने कहा कि बाल आयोग की यह सकारात्मक पहल है. सभी जिलों के कलेक्टर को पत्र लिखा है. जनप्रतिनिधियों से अपील है कि वह इस पहल को आगे बढ़ाएंगे.

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पत्र में लिखा गया है कि वर्तमान में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव 2022 के तहत निर्वाचन प्रक्रिया चालू हो गई है. अनेक राजनैतिक दलों के चुनाव चिन्ह पर कई सामाजिक व्यक्ति प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहें हैं. इनमें से कोई एक व्यक्ति चुनाव जीतकर ग्राम, वार्ड, शहर और जिलों के जन-प्रतिनिधि के रूप में चुना जाएगा. बच्चे इस देश का भविष्य ही नहीं बल्कि कल की नीव के पत्थर भी हैं और आगामी मतदाता भी होंगे.

आए दिन हम समाचार पत्रों और अन्य माध्यमों से यह देखते हैं कि हमारे आसपास ग्रामों और शहरों में नौनिहालों के साथ कई तरह के घटनाएं, अपराध होते रहते हैं. जागरूकता के अभाव में यह देखने में आता है कि लोग इन घटनाओं के संबंध में मदद के लिए आगे नहीं आते हैं, जबकि एक सामाजिक व्यक्ति होने के नाते प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह बच्चों के अधिकारों एवं हितों की रक्षा करें.

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बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने अनुशंसा की है कि आपके जिलों में ग्राम, वार्ड, शहर और जिला स्तर पर पंचायत एवं नगरीय निकाय में निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को जीत का प्रमाण-पत्र प्रदाय करते समय बाल अधिकार सुरक्षा शपथ पत्र पर भी हस्ताक्षर लेकर यह सनिश्चित किया जाए, कि निर्वाचित जन-प्रतिनिधि अपने कार्यक्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले सभी बच्चों के अधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी का निर्वहन करेगा.

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