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शुभम नांदेकर, पांढुर्णा (छिंदवाड़ा) मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना में नगर के मध्य शारदा मार्केट में स्थित करीब 1600 साल पुराने श्री वीरशैव लिंगायत मठ संस्थान अर्थात गणपति मठ में भगवान श्रीगणेश की स्थापना कर गणेशोत्सव मनाया जा रहा है। नववीं शताब्दी से चली आ रही पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए पूरे आस्था और भक्तिभाव से भगवान गणेश की आराधना हो रही है। वर्तमान में श्री वीररूद्रमुनी शिवाचार्य महाराज स्वामी इस गणपति मठ के मठाधिपति है।
मठाधिपति के अनुसार गणपति मठ में 975 सालों से गणेशोत्सव मनाने की परंपरा निभाई जा रही है। 975 वर्षों से श्रीगणेश की स्थापना और पूजन के प्रमाण यहां मौजूद है। मान्यता के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य में पांढुर्णा शहर में ही यह एकमात्र गणपति मठ मौजूद है। गणपति मठ में विराजने वाले गणपति बप्पा को क्षेत्रवासी पांढुर्णा का राजा के नाम से भी संबोधित करते है।
सैकड़ो वर्षों से गणेश प्रतिमा का एक स्वरूप
प्रतिमा निर्माण में भी एकरूपता 975 वर्षों से निभाई जा रही परंपरा के अनुसार गणपति मठ में स्थापित की जाने वाली भगवान गणेश की प्रतिमा का आकार, रूप, बनावट एक जैसा बना हुआ है। यहां विराजित होने वाली गणेश प्रतिमा के निर्माण में भी कई वर्षों से एकरूपता निभाई जा रही है। पिछले कई वर्षों से शहर के मूर्तिकार एन.खोड़े ही गणपति मठ में विराजने वाली गणेश जी की प्रतिमा को आकार देते आ रहे है। शिवलिंग मौजूद मुकुटधारी, हाथ में त्रिशूल, शंख और शिवलिंग लिए भगवान गणेश की आकर्षक प्रतिमा के दर्शन पाकर भक्त अभिभूत होते है।
मनोकामना पूरी करते है बप्पा
पुरातन गणपति मठ से पूरे क्षेत्रवासियों की आस्था जुड़ी हुई है। गणेशोत्सव के दौरान भगवान श्री गणेश की आराधना करने भक्त भक्ति भाव के साथ यहां पहुंच रहे है। भगवान गणेश इन भक्तों की मनोकामना पूरी करते है। मान्यता है कि गणेश मठ में पहुंचे नि:संतान दपंतियों की बप्पा ने मनोकामना पूरी की है। वहीं अन्य कई प्रकार की मनोकामनाएं लेकर पहुंचने वाले भक्त भी यहां से खाली हाथ नही लौटते। इस साल भी यहां गणेश की आराधना करने भक्तों का मेला लग रहा है। भक्त पहुंचकर गणेशजी के अनुपम रूप के दर्शन कर रहे है।
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रंभापुरी शाखा ने तैयार किया मठ का नक्शाः
मध्यप्रदेश में मौजूद करीब 1600 साल पुराने वीरशैव लिंगायत के एकमात्र इस गणपति मठ का कर्नाटक के रंभापुरी शाखा के निर्देशन में कामकाज संचालित होता है। गणपति मठ की पुनर्निर्माण की कार्ययोजना के अंतर्गत कर्नाटक के रंभापुरी शाखा ने मठ के नवनिर्माण का नक्शा तैयार किया है। नक्शे के साथ कर्नाटक के रंभापुरी शाखा से आए आदेशों के अनुसार मठाधिपति श्री वीररूद्रमुनी शिवाचार्य स्वामी महाराज के मार्गदर्शन में जीर्णोद्धार समिति मठ के नवनिर्माण के सारे काम पूर्ण करा रही है।
संजीवनी समाधियों को ध्यान में रखकर हो रहा निर्माण :
गणपति मठ में कुल छह संजीवनी समाधियां मौजूद है, जिसमें से दो जीवंत समाधियां है। गणपति मठ के नवनिर्माण के दौरान इन समाधियो का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। सभी समाधियो की जगह को ध्यान में रखते हुए नवनिर्माण का नक्शा अनुसार निर्माण कार्य जारी है। ताकि समाधियों में कोई परिवर्तन ना करना पड़े। पांढुर्णा में मौजूद इस लिंगायत मठ से श्री वीरशैव लिंगायत समाज के अलावा क्षेत्रवासियों की आस्था जुड़ी हुई है। लिंगायत मठ में हर साल होने वाले गणेशोत्सव में भगवान श्रीगणेष की आराधना करने भक्त भक्तिभाव के साथ पहुंच रहे है। गणेश जी सभी की मनोकामना पूर्ण करते है।
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