नीलम राज शर्मा, पन्ना। देशभर में इस समय शक्ति की उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) चल रहा है। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक शक्ति की भक्ति से वातावरण धर्ममय हो गया है। श्रद्धालु घरों और मंदिरों में जवारे बोए हुए हैं। जवारे खुशहाली का प्रतीक माने जाते हैं, लोग विभिन्न प्रकार से माता की भक्ति कर रहे हैं। वहीं पन्ना (Panna) जिले में एक युवक की अनोखी भक्ति नजर आई। युवक ने अपने शरीर पर जवारे बोए है। भक्ति का ऐसा समर्पण बहुत ही कम देखने को मिलता है।

दरअसल, चैत्र नवरात्रि में कोई बिना अन्न, कोई बिना अन्न जल के तो कोई केवल फल के साथ उपवास व्रत करता है, लेकिन जिले के पवई जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत इमलिया से एक भक्ति की पराकाष्ठा का अनोखा मामला सामने आया है। जिसमें ग्राम के राजा भैया पटेल पिता राजेंद्र पटेल माता जोगनी के मंदिर में अपने शरीर पर जवारे बोए हुए हैं। वह बैठकी से ही अन्न जल और क्रियायें व्याग कर एक ही अवस्था में लेटा हुआ है।

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जी हां पवई से दस किलो मीटर दूर ग्राम इमलिया में पतने नदी के किनारे माता जोगनी का दरबार स्थित है, जो आसपास के क्षेत्रवासियों के आस्था का केंद्र है। जहां शारदेय नवरात्रि और चैत नवरात्रि में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। जो भी भक्त माता के दर्शन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसी स्थल में एक भक्त अपने शरीर में जवारे बोये हुए हैं।

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ग्रामीणों की माने तो चैत रामनवमी की बैठकी से भक्त शरीर में जवारे बोये हैं, जो अब उगकर बड़े बड़े हो रहे है। राम नवमीं के दिन इन जवारों का विधि विधान से नदी में विसर्जन किया जाएगा। इस तरह माता की भक्ति में लीन भक्त को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं। वहीं दरबार परिसर में ग्रामीण भक्ति आराधना कर रहे है।

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