इदरीश मोहम्मद, पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले को यूं तो मंदिरों, हीरों और झीलों की नगरी के नाम से जाना जाता है। जहां केन और पतने जैसी बड़ी नदी भी हैं। इसके बावजूद पन्ना में गर्मी आते ही पानी की किल्लत शुरू हो जाती है। जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर-17 में जल संकट गहराया हुआ है। जहां कलेक्टर और नगर पालिका सीएमओ रहते हैं। आलम ये है कि करीब 500 लोग एक ही नल के भरोसे हैं, जिसमें पानी की सप्लाई भी एक दिन छोड़ कर एक दिन की होती है। जिसके चलते रहवासी कलेक्टर बंगला के सामने बने गड्ढे में जान जोखिम में डालकर गंदा पानी लेने को मजबूर हैं। लोगों ने इसकी शिकायत कई बार नगर पालिका और उच्च अधिकारियों से की है, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

रहवासियों ने बताया कि उन्हें एक-एक डिब्बा पानी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। घंटों तक सारे काम छोड़ कर उन्हें तपती धूप में लाइन में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। इसके साथ ही अन्य निस्तार के लिए पानी की टंकी से रिसने वाले गंदे पानी को भरना पड़ता है। जिससे न केवल कई बार उन्हें बीमारियों का सामना करना पड़ता है। बल्कि गड्ढे में बच्चों के गिरने का भी खतरा बना रहता है। रहवासियों मानें तो वहां कई बार पानी को लेकर लड़ाई झगड़े भी हो चुके हैं।

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इस मामले में नगर पालिका सीएमओ शशि कपूर गढ़पाले का कहना है कि नगर में पेयजल को लेकर समुचित व्यवस्था की जा रही है। पहाड़ कोठी में नई बस्ती बस गई है, जिस वजह से वहां पानी की लाइन की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा।

गौरतलब है कि हर बार गर्मी शुरू होते ही वहां के लोगों को पानी की समस्यायों का सामना करना पड़ता है। पहले भी कई बार रहवासी नगर पालिका कार्यालय का घेराव और मटका फोड़ आंदोलन कर चुके हैं। लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवाए कुछ भी नहीं मिला। अब देखना होगा कि क्या कुम्भकर्णी नींद में सोया प्रशासन लोगों की समस्यायों का समाधान करता है या नहीं।

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