इदरीश मोहम्मद, पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में किसानों से खरीदा गया एक हजार क्विटल गेहूं गोदाम पहुंचने के पहले ही गायब हो गया. गोदाम में खरीदी गई उपज का सत्यापन हुआ तो हड़कंप मच गया. जब कलेक्टर ने अधिकारियों की टीम बनाकर मामले की जांच करवाई तो बड़ी गड़बड़ी सामने आई. जांच टीम को गोदाम में लगभग एक हजार क्विटल गेहूं कम मिला. इस मामले में प्रशासन ने खरीदी केंद्र प्रभारी समेत अन्य से 23 लाख रुपए की वसूल करने का नोटिस जारी किया है.
यह मामला प्राथमिक कृषि शाखा सहकारी समिति बिरवाही बड़ागांव का है. दरअसल, रबी विपणन वर्ष 2024-25 अंतर्गत जिलेभर में 44 से अधिक उपार्जन केंद्रों पर पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदा गया. इनमें प्राथमिक कृषि शाखा सहकारी समिति बिरवाही बड़ागांव, देवेंद्रनगर में भी किसानों की सुविधा के लिए गोदाम स्तरीय उपार्जन केंद्र बनाया गया था. खरीदी केंद्र प्रभारी ने अमले के साथ मिलकर जमकर गड़बड़ी की. किसानों से खरीदा गया गेहूं गोदाम पहुंचने के पहले ही गायब करवा दिया.
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हालांकि, मामला सामने आने के बाद कलेक्टर सुरेश कुमार ने आनन-फानन में तहसीलदार की अगुवाई में जांच टीम बनाई. इसमें तहसीलदार, खाद्य आपूर्ति अधिकारी, सहकारिता निरीक्षक सहित अन्य को शामिल किया गया. टीम ने जांच में पाया कि किसानों से जितनी मात्रा में गेहूं की खरीदी की गई, वह पूरा गोदाम में जमा नहीं कराया गया. गोदाम में गेहूं की मात्रा कम पाए जाने पर कलेक्टर ने खरीदी केंद्र प्रभारी नारायण सिंह समेत अन्य को 23 लाख रुपए वसूली का नोटिस जारी किया गया है. साथ ही सहायक आयुक्त सहकारिता अरुण मेश्राम को प्राथमिक कृषि शाखा के खरीदी केंद्र प्रभारी समेत अन्य से 23 लाख रुपए वसूलने का जिम्मा सौंपा है.
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