दिल्ली. नेताओं का दखल खेल के मैदान से लेकर राजनीति के मैदान तक हर जगह होता है. इनके लिए न तो नियम मायने रखते हैं और न ही कानून. नेता और उनके परिजन नियमों की किस तरह से धज्जियां उड़ाते हैं. इसका नमूना देखने को मिला. जब दिल्ली की टी-20 टीम में एक भी मैच न खेलने वाले बिहार के बाहुबली सांसद पप्पू यादव के बेटे का चयन कर लिया गया जबकि सीजन के टाप स्कोरर रहे हितेन दलाल को टीम में जगह ही नहीं मिल पाई.

बिहार के बाहुबली सांसद पप्पू यादव अपनी ऊटपटांग हरकतों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं. इस बार उनके बेटे ने भी सुर्खियां बटोरी हैं. वो भी पिता की ही तर्ज पर. दरअसल दिल्ली की टी-20 टीम के लिए खिलाड़ियों का सेलेक्शन किया गया. इसमें मौजूदा सत्र में एक भी मैच न खेलने के बाद भी बिहार के सांसद पप्पू यादव के बेटे सार्थक रंजन का चयन कर लिया गया. खबरों के मुताबिक सांसद पुत्र का मोह क्रिकेट से भंग हो गया था. उन्होंने क्रिकेट छोड़कर बाडी बिल्डिंग की तैयारी शुरु कर दी थी. उनकी मां और कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन ने डीडीसीए प्रशासक विक्रमजीत सेन को टीम के चयन से ठीक पहले जानकारी दी कि उनका बेटा अवसाद से ग्रसित था लेकिन अब खेलने के लिए फिट है.

खास बात ये है कि पूरे सत्र में सांसद महोदय के होनहार पुत्र ने एक भी मैच नहीं खेला और उनका चयन कर लिया गया. जबकि पूरे सीजन अंडर 23 में दिल्ली की तरफ से शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी हितेन दलाल जिन्होंने 91 के स्ट्राइक रेट से सीके नायडू टूर्नामेंट में 468 रन बनाए थे. उनको रिजर्व खिलाड़ियों में रखा गया है.

खास बात ये है कि सांसद महोदय के पुत्र ने इस सत्र की शुरुआत से ही खेल को लगभग छोड़ दिया था. अचानक अतुल वासन, हरि गिडवानी औऱ राबिन सिंह जैसे खिलाड़ियों की तीन सदस्यीय चयन समिति ने कई होनहार खिलाड़ियों को साइडलाइन कर सांसद महोदय के पुत्र को टीम के लिए चुन लिया. इसके बाद से इस चयन की हर तरफ आलोचना शुरु हो गई है. खेल में राजनीति के दखल ने न जाने कितने होनहार खिलाड़ियों का करिअर तबाह कर दिया है. इन सांसद महोदय और उनके बेटे का ताजा कारनामा खेल औऱ खिलाड़ियों के चयन पर सवालिया निशान खड़ा करता है.