कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले मामले में आज एक बार फिर से हाई कोर्ट में सुनवाई की गई। कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की। सरकार ने रिपोर्ट में बताया कि छात्रवृत्ति घोटाले मामले में दोबारा 3 करोड़ 54 लाख रुपए वसूल किए हैं। सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में अब तक गबन की 24 करोड़ की कुल राशि में से 7 करोड़ 80 लाख रुपए की राशि वसूल की गई है।  

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इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 16 करोड़ की राशि अभी वसूल करना बाकी है। पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 संस्थानों पर कुर्की की कार्रवाई की गई है, वही 55 संस्थानों से फर्जीवाड़े की राशि वसूल कर ली गई है। जबकि 37 संस्थानों से राशि वसूल करना अभी बाकी है।

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वहीं आज इंदौर बैंच से ट्रांसफर होकर जबलपुर में बुलाए गए वसूली के मामलों में भी सुनवाई हुई। जिसमें हाईकोर्ट ने कुल वसूली योग्य राशि में से 50% राशि जमा करने की शर्त पर ही इंदौर के 8 मामलों में स्थगन जारी रखा और जमा की जाने वाली राशि इंदौर कलेक्टर के पास जमा होगी जो कि कॉलेजों की याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन होगी। 

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मामले में याचिकाकर्ता एसोसिएशन की ओर से आपत्ति व्यक्त की गई कि ग्वालियर संभाग से संबंधित प्रकरणों और रिकवरी का स्टेटस सरकार की रिपोर्ट में नहीं उल्लेख किया गया है, जिस पर कोर्ट ने ग्वालियर से संबंधित कॉलेजों की स्थिति से अवगत कराने के लिए सरकार को कहा है। आपके बता दे कि मध्य प्रदेश स्टूडेंट लाइव स्टेशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की ओर से यह याचिका लगाई गई है।

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