कर्ण मिश्रा/शब्बीर अहमद, ग्वालियर/भोपाल। मध्यप्रदेश के PMT 2010 फर्जीवाड़ा मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने 6 आरोपियों को सजा सुनाई है. परीक्षार्थी, बिचौलिए और सॉल्वर को सजा मिली है. सीबीआई की विशेष कोर्ट ने सभी को 5-5 साल की सजा सुनाई है. दोषियों पर 3700-3700 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. आरोपियों में 5 यूपी और एक MP का रहने वाला है. गुना के सरकारी कॉलेज में आरोपी परीक्षा देने पहुंचे थे.

इधर भोपाल में आज व्यापम मामलों में सुनवाई करते हुए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश नीति राज सिंह सिसोदिया ने आवेदक गण के आवेदन पर विस्तृत बहस सुनने के बाद आवेदनों को निरस्त करने का आदेश पारित किया है. सीबीआई की ओर से मामले में सतीश दिनकर विशेष लोक अभियोजक द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि पीएमटी वर्ष 2013 के मामलों में अनुसंधान के दौरान आवेदकों के विरुद्ध गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं.

रिश्वतखोर निकली रेड और पीली साड़ी वाली मैडम: महिला लेखापाल घूस लेते गिरफ्तार, बोली- CEO साहब मांग रहे पैसा

सतीश दिनकर ने बताया कि मेडिकल कॉलेज चिरायु के तत्कालीन चेयरमैन अजय गोयंनका एवं कॉलेज लेबल एडमिशन कमेटी के अन्य सदस्य गण जिनमें डॉक्टर रवि सक्सेना एस एन सक्सेना डॉक्टर बी एन भावसार डॉक्टर वीरेंद्र मोहन आवेदनकर्ता सम्मिलित हैं, उनके द्वारा प्रथम दो एवं दूसरे राउंड की काउंसलिंग में डीएमई डायरेक्टोरेट आफ मेडिकल एजुकेशन को सही जानकारी प्रस्तुत ना कर अनियमितता की है. 9 सितंबर 2013 के बाद 42 अपात्र अभ्यार्थियों को मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिया. इस तरह पात्र अभ्यर्थियों को दाखिले से वंचित कर गंभीर अपराध किया है. ऐसी स्थिति में आरोपी गण अग्रिम जमानत के पात्र नहीं हैं.

ढाबे में सेक्स रैकेट और पुलिस को भनक तक नहीं! राजपूताना ढाबे में बने छोटे-छोटे कमरे में चलता था जिस्मफरोशी का धंधा, क्राइम ब्रांच ने 8 लड़के और 7 लड़कियों को किया गिरफ्तार

इसी तरह डॉ व्ही के पंड्या द्वारा प्रस्तुत अग्रिम जमानत आवेदन के संबंध में सतीश दिनकर ने बताया कि आवेदक पीपल्स मेडिकल कॉलेज भोपाल में कॉलेज लेवल एडमिशन कमेटी के कार्य को देख रहे थे. मेडिकल कॉलेज में दाखिले को लेकर किए गए अनियमिता के फल स्वरुप 48 अपात्र लोग को पीपल्स मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल सका यह कृत्य गंभीर अपराध है. पात्र अभ्यार्थीगण के अधिकारों का हनन हुआ है. इसलिए आवेदक का अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त किए जाने योग्य न्यायालय द्वारा आवेदक पक्ष के और सीबीआई की ओर से प्रस्तुत तर्कों पर विचार करते हुए आदेश पारित कर उक्त सभी आवेदक गण के अग्रिम अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त किए हैं।

छोटा पैकेट बड़ा धमाका: 15 साल का बदमाश डेढ लाख रुपए छीनकर भाग रहा था, लोगों ने पकड़कर कर दी जमकर धुनाई

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus