अजय शर्मा, भोपाल। MP Police की FIR की कॉपी अब RTI के दायरे (MP Police FIR copy now under RTI) में आएगी। संबंधित थाना पुलिस को 48 घंटे के अंदर FIR की कॉपी देनी होगी। अगर कोई अधिकारी कोताही बरतते हुए FIR की कॉपी नहीं देता है तो उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह एफआईआर की कॉपी आरटीआई के दायरे में लाने के निर्देश दिए। हालांकि संवेदनशील मामले और उस एफआईआर को दायरे से बाहर रखा है, जिससे जांच प्रभावित हो सकती है।

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बता दें कि FIR की कॉपी को लेकर पुलिस पर अक्सर आरोप लगते हैं कि पुलिस नहीं देती है। अब एमपी राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह (MP State Information Commissioner Rahul Singh) के निर्देश के बाद अधिकारियों को FIR कॉपी उपलब्ध कराना होगा। सभी थानों में FIR की कॉपी 48 घंटे के भीतर उपलब्ध कराने के लिए निर्देश जारी किए।

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आयुक्त राहुल सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि अगर 48 घंटे के प्रावधान के तहत FIR की कॉपी प्राप्त करने का आरटीआई आवेदन आता है तो पुलिस विभाग को FIR  की कॉपी 48 घंटे के भीतर उपलब्ध करानी होगी। वहीं संवेदनशील मामले और उस एफआईआर को दायरे से बाहर रखा है, जिससे जांच प्रभावित हो सकती है।

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जानकारी नहीं मिलने पर क्या करना होगा
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि की 48 घंटे में अगर जानकारी नहीं मिलती है तो 48 घंटे के बाद प्रथम अपील और उसके 48 घंटे के बाद द्वितीय अपील की जा सकेगी। ये न्यायिक मापदंड और सूचना के अधिकार अधिनियम की मूल भावना के अनुरूप होगा।

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किन कानून के तहत मिलेगी FIR
सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने FIR के उपर आदेश  जारी करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 21 एवं अनुच्छेद 19 का भी सहारा लिया है। सूचना आयुक्त ने बताया कि जिसके विरूद्ध FIR दर्ज की गई है उसे भी यह जानने का अधिकार है कि किन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। वहीं FIR, CRPC की धारा 154 के तहत तैयार एक सार्वजनिक दस्तावेज है और यह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की धारा 74  के तहत भी सार्वजनिक दस्तावेज है। इस कारण इसे RTI में देना चाहिए।

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