शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2023 में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जिसमें चयनित उम्मीदवारों ने फोटो और फिंगरप्रिंट बदलकर, आधार कार्ड में हेरफेर कर सॉल्वर से परीक्षा दिलवाई। इस मामले में अब तक 6 जिलों में 16 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और अब तक 24 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। इसके तार न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि अन्य राज्यों जैसे छत्तीसगढ़ और बिहार तक जुड़े हैं। 

ऐसे दिया फर्जीवाड़े को अंजाम 

पुलिस मुख्यालय को मिली जानकारी के अनुसार, कई नवआरक्षकों ने हेराफेरी कर रिटन एग्जाम में अपनी जगह सॉल्वर को बैठाया था। जांच में खुलासा हुआ कि इन लोगों ने आधार कार्ड में हेरफेर और फोटो और बायोमेट्रिक डेटा चेंज करके इस बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। परीक्षा में पास होने के बाद इन अभ्यर्थियों ने फिर से आधार में अपनी असली पहचान अपडेट कर ली, जिससे भर्ती प्रक्रिया में धांधली कर चयन प्राप्त कर लिया।

सबसे ज्यादा बिहार के साल्वर ने दी परीक्षा  

सबसे ज्यादा बिहार के साल्वर ने परीक्षा दी है। जांच में खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के आधार केंद्र का लॉगिन पासवर्ड से क्यूसेक संचालक ने आधार कार्ड अपडेट किये। एक सॉल्वर ने तो प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 7 अभ्यर्थियों की परीक्षा दी। अभ्यर्थियों से मुन्ना भाइयों ने 5 से 10 लाख रुपए लिए। आरक्षक भर्ती परीक्षा में बैठे मुन्नाभाइयों की संख्या 50 के पार हो सकती है। 

2023 में 7411 पदों पर निकाली गई थी भर्ती 

पुलिस को आशंका है कि कार्रवाई बाद फर्जी तरीके से पास हुए कई अभ्यर्थी जॉइनिंग के लिए आने से बच सकते हैं। प्रदेश के 8 जिलों में फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें शिवपुरी,श्योपुर, इंदौर, ग्वालियर, अलीराजपुर, राजगढ़, मुरैना, शहडोल शामिल है। पुलिस ने अब तक मामले में 16 FIR दर्ज की है, जिसमें 17 अभ्यर्थियों पर मामला दर्ज कर 24 की गिरफ्तारी कर ली गई है। वहीं फरार आरोपियों पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है।  बता दें कि 2023 में 7411 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। जिसमें 6446 पदों पर अभ्यर्थी चयनित हुए हैं।  

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