अमृतांशी जोशी, भोपाल। लोकसभा सचिवालय द्वारा वायनाड के सांसद राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने को लेकर प्रदेश का सियासी पारा गर्म है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने इसे षड्यंत्र बताया है। मामले को लेकर उन्होंने ने ट्वीट किया है।

कमलनाथ ने ट्विटर पर लिखा- आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुख और पीड़ा का दिन है। नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के सम्मानित नेता राहुल गांधी के खिलाफ षड्यंत्र करने में सारी हदें पार कर दी हैं। जिस तरह से उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द की गई है, उससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार राहुल गांधी से भयभीत है। लेकिन एक बात अच्छी तरह याद रखनी चाहिए कि ऐसे ही षड्यंत्र स्व. इंदिरा गांधी के खिलाफ भी किए गए थे, लेकिन उससे इंदिरा मजबूत ही हुई थी, कमजोर नहीं। आज भारत की जनता पहले से कहीं मजबूती के साथ राहुल गांधी के साथ खड़ी है। इंसाफ होकर रहेगा।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता के बीच और उच्च अदालत में जाएगी, अदालत में तथ्य रखे जाएंगे। कहा कि- राहुल गांधी सावरकर नहीं जो माफ़ी मांगेंगे। वहीं कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने कहा कि यह भारतीय संविधान और न्यायपालिका पर हमला है। हमें उच्च न्यायालय में जाने का अधिकार है, लेकिन मोदी सरकार ने सबको नजरअंदाज किया। देश का न्याय भवन दीनदयाल भवन नहीं है। कहा कि -राहुल गांधी सावरकर नहीं जो माफी मांगेंगे।

जो जैसा करता है वो वैसा ही भोगता है

राहुल की सदस्यता को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि- कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा। जो जैसा करता है वो वैसा ही भोगता है। राहुल गांधी ने जो किया वो वैसा ही भोग रहे है।

कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। हम इनसे लड़ेंगे और जीतेंगे। आज का दिन देश में काला दिवस के नाम से जाना जाएगा। सदन व देश में सच बोलने की आजादी तक नहीं है। कांग्रेस पार्टी पूरी ताकत से राहुल गांधी के साथ खड़ी है।

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