शहडोल। मध्यप्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की बात करते हैं. लेकिन शहडोल मेडिकल कॉलेज में आकर मरीजों का स्वास्थ्य और बिगड़ जा रहा है. क्योंकि यहां कैंटीन में घटिया स्तर का खाना मरीजों को दिया जा रहा है, जो कि खाने योग्य ही नहीं है. यदि कोई कुछ बोलता है, तो कैंटीन के कर्मचारी जो करना है कर लो की धमकी देते हैं. कॉलेज के डीन भी गैर जिम्मेदाराना जवाब देते हैं. कुछ दिन पहले इसी अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में डिलीवरी के बाद एक महिला की मौत हो गई थी. तब परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा भी किया था.
शहडोल मेडिकल कॉलेज हमेशा सुर्खियों में रहा है. अस्पताल में रोजाना सैकड़ों मरीज भर्ती रहते होंगे. उनके लिए खाना कैंटीन से ही मिलता है. बावजूद इसके गुणवक्ता में सुधार नहीं है. मरीजों को खट्टी और बासी दाल परोसा जा रहा है. रोटी भी आधा पका और आधा कच्चा दिया जा रहा है. खाने को लेकर कोई सवाल जवाब करता है, तो तुम्हें जो करना है कर लो ऐसी बात कही जाती है. मरीजों को कैंटीन में फ्री में खाना पौष्टिक नहीं, बल्कि घटिया मिलता है. जिससे उनका स्वास्थ्य सुधरने की बजाय और खराब हो जाता है.
नर्स ने भी फटकार लगाई कि मरीजों को कैसे घटिया खाना दे रहे हो. नर्स भी यह कह रही थी कि तुम्हारे वजह से एक मरीज को 20-20 तक छुट्टी नहीं मिल पाता है, क्योंकि घटिया खाने की वजह से घाव पक जाता है या फिर कुछ न कुछ समस्या होती रहती है. जिससे मरीजों के अलावा हमें भी परेशानी होती है. अस्पताल में गंदगी भी फैली हुई है.
मेडिकल में भर्ती मरीजों का कहना है कि अस्पताल में घटिया खाना दिया जा रहा है. मंगलवार शाम को खाना लिया गया. जिसे महिला मरीज को खिलाया गया, लेकिन वो खाते ही उसे उगल दी. क्योंकि दाल खट्टा था. उसमें दाल के नाम पर कुछ ही दाने थे, बाकी पूरा पानी ही पानी नजर आ रहा है. इसका वीडियो भी सामने आया है. जिसमें साफ देखा जा सकता है कि दाल की गुणवत्ता कैसी है.
इस मामले में हमले शहडोल मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद शिरालकर से फोन पर बातचीत की, तो उनका भी गैर जिम्मेदाराना जवाब सुनने को मिला. उन्होंने कहा कि वीडियो आपके पास कब आया है. तब बताया गया कि आज रात का ही वीडियो है और अभी आया है. तब साहब यह कहने रहे हैं कि आपको दिन भर में अभी फुर्सत मिली है वर्जन लेने की. हालांकि डीन मिलिंद शिरालकर ने ये भी कहा कि पता करूंगा, मैंने अभी देखा नहीं है. आप अपने विवेक से काम कीजिए, मैं अपना काम करूंगा.
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बता दें कि ये वही मेडिकल कॉलेज है जब सितंबर 2019 में चिकित्सा शिक्षा, आयुष एवं संस्कृत मंत्री डॉ विजया लक्ष्मी साधौ ने मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंची थी, तब छात्रों ने रात में खाने में पड़ी इल्ली की फोटो दिखाई थी. इस पर मंत्री ने गहरी नाराजगी दिखाते हुए डीन से कहा था कि आप लोग छात्रों को ऐसा खाना खिलाते हैं. उन्होंने मेस इंचार्ज और ठेकेदार को हटाने के निर्देश दिए थे.
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शहडोल मेडिकल कॉलेज में छत्तीसगढ़ राज्य के भी लोग भी इलाज कराने आते है, लेकिन यहां हालात खराब है. व्यवस्थाओं बद से बदतर है. मरीज यहां इलाज कराने पहुंचते हैं, लेकिन बदले में घटिया खाना परोसा जाता है. इससे पहले भी इस तरह की कई शिकायतें सामने आ चुकी हैं. कोरोना कॉल के दौरान एक साथ ऑक्सीजन के कमी से कई लोगों की मौत भी हुई थी. उस मामले को लेकर भी काफी सुर्खियों में रहा है. अब देखना यह होगा कि अस्पताल प्रबंधन इस मामले में क्या कुछ कार्रवाई करता है. या फिर पहले की तरह मामले में लीपापोती कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा.
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