(सुधीर दंडोतिया की कलम से)

खतरे में अफसरों के आशियाने

18 साल बाद लागू हुए भोपाल के मास्टर प्लान ने कई अधिकारियों नींद उड़ा दी है। नए मास्टर प्लान के कारण भोपाल के रातीबढ़ इलाके में कलियासोत डेम के कैचमेन्ट एरिया में बनी अधिकारियों की एक बड़ी कॉलोनी में इन अधिकारियों के बंगले और हवेली पर संकट आ गया है। अपने रसूख के चलते इन अधिकारियों ने ग्रीन बेल्ट में मनमाने तरीके से निर्माण कराया। हालांकि इस कॉलोनी को लेकर कई बार विवाद भी सामने आया पर प्रदेश को चलाने वाले अधिकारियों के रसूख के चलते निर्माण धड़ल्ले से होता रहा। कई आईएएस और आईपीएस ने इस कॉलोनी में मनमाने तरीके से हजारों वर्ग फीट में निर्माण करा लिया, पर नए मास्टर प्लान में इस जगह पर 600 वर्ग फीट से ज्यादा निर्माण की अनुमति ही नहीं है। अब दिलचस्प बात यह है कि नया मास्टर प्लान का प्रारूप जारी होने के बाद सरकार के रसूख के चलते इन अफसरों के बंगलों पर बुलडोजर चलता है या फिर अब इन अफसरों के रसूख के आगे मास्टर प्लान का प्रारूप बदलता है।

मंत्री का विदेश दौरा चर्चाओं में

सिंधिया खेमे के एक मंत्री पिछले दिनों परिवार सहित विदेश यात्रा पर थे। बताया जा रहा है कि यात्रा का उद्देश्य पर्यटन कम निवेश ज्यादा था। मंत्रीजी मलाईदार विभाग के मंत्री हैं। विदेश दौरे से पहले मंत्रीजी ने अपने दामाद के माध्यम से बड़ा निवेश करने की इच्छा जताई थी। इसके बाद मंत्रीजी अपनी बेटी और एनआरई दामाद के साथ निवेश की चाहत में विदेश जा पहुंचे। विदेश यात्रा के दौरान मंत्रीजी ने विदेशी दामाद के सार्थ कई प्रॉपर्टी देखी। इनमें तीन प्रॉपर्टी मंत्रीजी को पसंद आई हैं, जिनमें एक बड़ा विला शामिल है। प्रॉपर्टी संबंधी सारी बातचीत फाइनल हो चुकी है, लेकिन मंत्रीजी के सामने अब समस्या यह है कि बड़ी रकम विदेश कैसे पहुंचाई जाए। खबर यह भी है मंत्रीजी ने भोपाल शहर के एक बड़े हवाला कारोबारी से बात कर डील लगभग फाइनल कर ली है। हवाला कारोबारी ने तीन देशों के माध्यम से मंत्रीजी के पैसे सुरक्षित निवेश करने वाले देश तक पहुंचाने का प्लान भी बताया है।

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तबादलों ने बढ़ाई टेंशन

मध्य प्रदेश में चुनाव नजदीक हैं और अब तक तबादलों से बैन नहीं हटने पर कई बड़े बाबू परेशान हैं। इन बाबुओं को उम्मीद थी कि अप्रैल में तबादलों से बैन हटेगा और नई तबादला नीति में जमकर माल कूटेंगे। ऐसे में तबादलों के लिए बाबुओं ने मोटा नजराना एडवांस में ले लिया है, लेकिन तबादलों से अब तक बैन नहीं हटा है। ऐसे में पेशगी देने वाले बाबुओं के चक्कर लगाकर नजराना वापस मांगने लगे हैं।

कमलनाथ के मुरीद कमल वाले

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ अपनी कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। कमलनाथ के काम की चर्चा कांग्रेस के नेता तो करते ही थे, लेकिन अब बीजेपी दफ्तर में भी कमलनाथ के कसीदे सुनाई दे रहे हैं। बीते दिनों बीजेपी दफ्तर में कुछ बड़े पदाधिकारी कमलनाथ के गुणगान करते नजर आए। दरअसल, चुनाव में कमलनाथ किस तरीके से काम करेंगे इसको लेकर चर्चा चल रही थी। इस चर्चा के दौरान बीजेपी के नेता कमलनाथ की कार्यशैली और उनके संबंधों की तारीफ करते नजर आए। इन नेताओं को सबसे ज्यादा कमलनाथ के देश और विदेश में बड़े घराने से सीधे संपर्क ने प्रभावित किया।

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मीडिया विभाग में मीडिया वार

मध्य प्रदेश प्रमुख विपक्षी दल के मीडिया विभाग में गैंगवार जारी है। इस दल में मीडिया को लेकर सबसे महत्वपूर्ण काम संभाल रहे मीडिया प्रमुख और उनके सहयोगियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसा लग रह है कि सब अपनी डपली अपना राग गाने में लगे हैं। मीडिया विभाग में बहुत कम उम्र में एक युवा को प्रवक्ता की जिम्मेमदारी मिली तो विरोधी गैंग सक्रिय हुई। आखिकरार युवा प्रवक्ता पार्टी का दामन छोड़कर चले गए और मीडिया विभाग के प्रमुख की कई जिम्मेदारी दूसरे गुट को दे दी गई। हालात यह है कि अब तक TV चैनल पर कौन बैठेगा। इसको लेकर भी पठ्ठा वाद चल गया है और चहेतों के लिए जोर आजमाइश शुरू हो गई है। यही नहीं गैंगवार इतना है कि महाकाल लोक को लेकर एक गुट ने सरकार को घेरने के लिए प्लान बनाकर बड़ा आयोजन किया पर दूसरे प्रमुख गुट ने इसे निजी आयोजन बताकर कवरेज नहीं करने के लिए मीडिया के साथियों को फोन घनघना दिए।

चर्चा जोरों पर है

एमपी कांग्रेस में इस वक्त चर्चा जोरों पर है कि पीसीसी चीफ कमलनाथ से कांग्रेस के दो बड़े नेताओं की बातचीत बंद है। बंद कमरे में हुई कांग्रेस की बैठक के दौरान भी ये नेता कमलनाथ से बात नहीं करते। इनमें से एक नेता संवैधानिक पद पर हैं, जो सार्वजनिक तौर पर कमलनाथ को सीएम चेहरा मानने से इनकार कर चुके हैं। इन नेताओं ने दिल्ली में भी कमलनाथ के खिलाफ मुखालफत की थी, लेकिन वहां इन सभी को बता दिया गया कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सीएम चेहरा कमलनाथ ही होंगे।

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