बीडी शर्मा,दमोह। मध्यप्रदेश के दमोह जिले की पथरिया विधायक रामबाई पर गंभीर आरोप लगे हैं. जिला जेल में पदस्थ जेल प्रहरी राम कुमार शाक्य ने जेल में अनैतिक गतिविधियों का आरोप लगाया है. प्रहरी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार न्यायाधीश को लिखित आवेदन दिया है. उनका कहना है कि उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकियां भी दी जा रही है. दमोह जिला जेल में रामबाई के संरक्षण में अनैतिक कार्य चल रहा है. रामबाई के जेल में बंद देवर कौशलेन्द्र सिंह उर्फ चंदू सिंह और कई जेल प्रहरी अनैतिक कार्य कर रहे हैं. जेल में शराब गांजा की सप्लाई के साथ ही वेश्यावृत्ति चल रही है.
जेल प्रहरी राम कुमार शाक्य का कहना है कि मैं दमोह जिला जेल में पदस्थ हूं. यहां पर पथरिया विधायक रामबाई सिंह परिहार के देवर चंदू सिंह जेल में बंद है. उसके संरक्षण में गलत काम हो रहे हैं. जेल में गांजा, चरस, अफीम, शराब पैसे देकर उपलब्ध कराई जा रही है. वेश्यावृत्ति तक हो रही है. यदि कोई विरोध करता है तो उसे परेशान किया जाता है. एक दिन शाम को मैं ड्यूटी पर था. उस समय जेल में 1 पेटी शराब पहुंची थी. मैंने विरोध किया तो मुझे केंद्रीय जेल भोपाल में अटैच करा दिया गया. मुझे लगा कि जेल में अनैतिक कार्य हो रहे हैं, जिन्हें बंद होना चाहिए और इसलिए मैंने अब न्यायालय की शरण ली है. मैं चाहता हूं कि इस मामले की जांच हो और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
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पत्र में क्या लिखा है ?
प्रहरी की तफ से जिला विधिक सेवा प्राधिकार न्यायाधीश को लिखे आवेदन में लिखा है कि मेरी पदस्थापना वर्ष 2019 के बाद ही जेल में अनैतिक, अवचारी और संदिग्ध गतिविधियों का संचालन होता रहा. जिसमें जेल मुख्य प्रहरी प्रीतम हेड प्रहरी, रजनी प्रजापति प्रहरी, आशीष तिवारी प्रहरी, पुष्पेन्द्र चौहान प्रहरी, चंदू उर्फ कौशलेन्द्र सिंह पिता रब्बी सिंह विचारधीन बंदी द्वारा जेल में विचाराधीन बंदियों से सांठगांठ कर और राशि प्राप्त कर जेल के बंदियों को मादक पदार्थ जैसे शराब, जर्दा, सिगरेट व महिलाओं की आपूर्ति वेश्यावृत्ति के लिए लगातार कराई जा रही है.
स्थानीय पथरिया विधायक के देवर चंदू उर्फ कौशलेन्द्र सिंह भी वर्ष 2019 से दमोह जिला जेल में निरूद्ध विचाराधीन बंदी है. उनके प्रशासनिक प्रभाव के चलते उपरोक्त सभी मुख्य प्रहरी और प्रहरी ऐसी गतिविधियां संचालित करते हैं. विरोध करने वाले किसी भी जेल प्रहरी या जेलकर्मी का चंदू सिंह के कहने पर जिला जेल से या तो स्थानांतरण करा दिया जाता है या अटैचमेंट करा दिया जाता है. यहां तक कि मेरी जानकारी के अनुसार दमोह जिला जेल में 80 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक मासिक जो बंदियों द्वारा भुगतान पर चलती है.
यह की जेल के अधिकांश कार्य करने वाले कैमरों को स्थानीय जेल प्रहरियों की मदद से या तो ब्लैक प्लाइंट पर सेट किया जाता है या फिर महिलाओं या बंदियों की पत्नियों प्रेमिकाओं या वेश्याओं के प्रवेश के समय स्थानीय जेल प्रशासन की मदद से वहां के कैमरे उतने समय के लिए बंद कर दिये जाते हैं. जिससे की उनके आने जाने का अथवा प्रतिबंधित सामग्री देने का समय कैमरे में रिकार्ड न हो सके.
दमोह जिला जेल में स्थानीय प्रहरी आशीष तिवारी, प्रीतम हेड, रजनीं प्रजापति, पुष्पेन्द्र चौहान दोपहर 2 बजे के बाद उनके खुद मोबाइल के अतिरिक्त अन्य मोबाइल ले जाकर चंदू सिंह, गोलू सिंह को एवं अन्य पैसे देने वाले बंदियों को जाकर उपलब्ध कराते. जिससे वह स्थानीय प्रहरियों के ड्यूटी ऑफ होने तक उनका उपयोग करते व ड्यूटी आफ हो जाने पर प्रहरी उन मोबाइलों को वापिस ले जाते हैं. यहां तक स्थानीय पथरिया विधायक के देवर का प्रशासनिक एवं गृह मंत्रालय व जेल प्रशासन में इतना दखल है कि उनके कहे अनुसार ही प्रहरियों की ड्यूटियां लगाई व हटाई जाती हैं.
दमोह जिला जेल में औचक रेड करने पर जेल का वार्ड कमांक 2, 3 एवं 4 में प्रतिबंधित सामग्री शराब, जर्दा, सिगरेट, गांजा, चिलम, कडोम्स, मोबाइल व खाना पकाने का हीटर व बंदियों को दी जाने वाली सुविधाओं की सामग्री का मौके पर जाकर जब्त किया जा सकता है. मैं एक छोटा सा ईमानदार कर्त्तव्यनिष्ठ जेलकर्मी हूं. आशीष तिवारी द्वारा मुझे शारीरिक व मानसिक तौर पर और मां बहन की गालियां देकर इस स्तर पर जलील किया गया है. मेरे पास आत्महत्या के अतिरिक्त अन्य कोई चारा नहीं बचा है. जिससे मेरे छोटे छोटे बच्चे सड़क पर आ जायेंगे. इसके जिम्मेदार मुख्य जेल प्रहरी प्रीतम, रजनी, प्रजापति, अशीष तिवारी व पुष्पेन्द्र चौहान व बंदी उर्फ कौशलेन्द्र की मानी जाए. दमोह जिला जेल की अवैध गतिविधियों पर जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
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