कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश में पीएससी परीक्षा रिजल्ट के लिए प्रतिभागियों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। आज हुई पेशी में राज्य सरकार ने होईकोर्ट से चौथी बार समय मांगा है। इससे प्रतिभागियों को वर्ष 2022 तक इंतजार करना पड़ेगा।
बता दें पीएससी परीक्षा परिणाम का इंताजर कर रहे प्रतिभागियों का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। इस मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस मामले में विवादित नियमों को सुधार करने की मांग को लेकर शासन की ओर से चौथी बार मांगा गया समय है। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ड्राफ्ट तैयार है। एक सप्ताह का समय लगेगा। कैबिनेट की स्वीकृति बाकी। इसलिए मामला लटका हुआ है। स्वीकृति मिलते ही विवादित नियम हटा दिए जाएंगे।
जानकारी के अनुसार विवादित नियम कम्युनल आरक्षण को बढ़ावा देते हैं। साल 2020 में पीएससी के नियमों में संशोधन किया गया था। जानकारों की मानें तो संविधान एवं सुप्रीम कोर्ट इस संशोधन की इजाजत नहीं देता है। वर्तमान में प्रदेश में पीएससी भर्ती में 113 % आरक्षण लागू है। आरक्षित श्रेणी के प्रतिभावान छात्रों को यह विवादित नियम पीएससी प्री एवं मुख्य परीक्षा में चयन से रोकते है। राज्य सरकार द्वारा फिर से समय मांगने से 2019 की मुख्य पीएससी परीक्षा और 2020 की प्रांरभिक परीक्षा के परिणाम प्रभावित होंगे।
बता दें कि पीएससी भर्ती नियम 17/02/ 2020 सहित प्राम्भिक परीक्षा 2019 में किए गए संशोधन को हाइकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से बार-बार समय मांगने से मामले का निपटारा नहीं हो पा रहा है। इसके पहले भी सरकार तीन बार मांग चुकी है।
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