रायपुर। मध्यप्रदेश जनसम्पर्क विभाग में राज्य प्रशासनिक सेवा (एसएएस) के अधिकारी की उच्च पदस्थापना को लेकर उठे विवाद पर अब छत्तीसगढ़ से भी समर्थन की आवाज़ उठी है। छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क अधिकारी संघ ने इस निर्णय के खिलाफ मध्यप्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा शुरू की गई कलमबंद हड़ताल को अपना पूर्ण समर्थन दिया है।

संघ के अध्यक्ष बालमुकुंद तंबोली ने कहा कि संघ का यह स्पष्ट मत है कि जनसंपर्क एक विशिष्ट एवं विशेषज्ञता-आधारित संवर्ग है, जिसमें उच्च पदस्थापना केवल अनुभवी एवं प्रशिक्षित पीआर कैडर के अधिकारियों को ही दी जानी चाहिए।

बालमुकुंद तंबोली ने कहा कि जनसंपर्क विभाग के अपर संचालक के पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को नियुक्त करने का निर्णय न केवल जनसंपर्क संवर्ग की स्थापित परंपराओं के विपरीत है, बल्कि विभागीय कार्यकुशलता, पेशेवर मानकों और संवर्गीय स्वायत्तता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

उन्होंने कहा कि जनसंपर्क विभाग की प्रकृति मूलतः विशेषज्ञतापूर्ण है, जहाँ रणनीतिक संचार, मीडिया प्रबंधन, जनभावना विश्लेषण एवं सरकारी नीतियों के प्रभावी प्रसार जैसी जिम्मेदारियाँ गहन अनुभव और तकनीकी दक्षता की मांग करती हैं। ऐसे में अन्य सेवाओं से प्रतिनियोजन अथवा प्रतिनियुक्ति के आधार पर की गई नियुक्तियाँ संवर्ग की मूल भावना को कमजोर करती हैं और विभागीय मनोबल को आहत करती हैं।

बालमुकुंद तंबोली ने यह भी स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के अधिकारी जिस कारण से विरोध और कलमबंद हड़ताल कर रहे हैं, वे कारण पूर्णतः उचित और संवर्गीय गरिमा के अनुरूप हैं। छत्तीसगढ़ जनसंपर्क अधिकारी संघ उनकी मांगों का पूर्ण समर्थन करता है।

संघ का मानना है कि वरिष्ठ पदों पर पीआर कैडर के अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति से विभागीय निरंतरता, कार्यकुशलता, पेशेवर गुणवत्ता और संस्थागत मनोबल सुदृढ़ होता है।

छत्तीसगढ़ जनसंपर्क अधिकारी संघ ने आशा व्यक्त की है कि इस विषय पर आवश्यक संवेदनशीलता और गंभीरता से विचार कर जनसंपर्क संवर्ग की विशिष्ट प्रकृति, परंपरा और पेशेवर मानकों को सुरक्षित रखा जाएगा।

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