अनिल सक्सेना, रायसेन। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में शराब बनाने वाली फैक्ट्री सोम डिस्टलरी को शासन के निर्देशन पर बंद कर दिया गया है. ऐसे में अब वहां काम करने वाले 1500 मजदूर-कर्मचारियों सामने कई समस्या खड़े हो गए हैं. अब उन्हें बेजरोजगारी की मार सहनी पड़ रही है. ऐसे में मजदूर और कर्मचारी सरकार को कोस रहे हैं.
मजदूर-कर्मचारियों का कहना है कि हमारे साथ न्याय करो, हमें रोजगार कौन दिलाएगा. सरकार ने 1500 लोगों के परिवार के बारे नहीं सोचा. हम भूखे मारने की कगार पर आ गए हैं. कई मजदूर छिंदवाड़ा, गुना, शिवपुरी, सतना और सागर से अपने परिवार के भरण पोषण के लिए काम कर रहे थे. फैक्ट्री बंद होने के कारण अब मजदूर दर-दर भटक रहे हैं.
BIG BREAKING: सोम डिस्टलरी पर मोहन सरकार का शिकंजा, शराब बनाने वाली कंपनी का लाइसेंस निलंबित
उनका कहना है कि सरकार मजदूरों का ध्यान में रखते हुए फैक्ट्री प्रबंधन पर बड़ा जुर्माना लगाकर सकती थी. 59 बच्चों को मुआवजा राशि दिलाकर न्याय कर सकती थी. जिससे उनका जीवन सुधर सकता था. सरकार उनका जीवन भर के लिए पढ़ाई रहना-खाना निशुल्क देने का जुर्माना करती तो बेहतर होता. लेकिन सरकार रोजगार बारे में नहीं सोचती है.
ये है पूरा मामला
दरअसल, 15 जून को रायसेन जिले के सेहतगंज में शराब बनाने वाली कंपनी सोम डिस्टलरी से 59 बच्चे काम करते मिले थे. गैर सरकारी संस्था ‘बचपन बचाओ’ की शिकायत पर बाल संरक्षण आयोग की टीम ने बच्चों का रेस्क्यू किया था. बताया गया था कि बाल मजूदरों को स्कूल बस के माध्यम से फैक्ट्री में लाया जाता था और कम पैसे देकर 15-15 घंटे तक काम कराया जाता था. इन बाल मजदूरों के हाथ केमिकल से गलने लगे थे.
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक