देवेंद्र चौहान, भोजपुर (रायसेन)। 529 करोड़ की लागत से तीन साल पहले बने भोपाल-जबलपुर हाईवे पर दरारें आ गई है। जगह-जगह रोड पर बड़े-बड़े गड्डे हो गए हैं। सर्विस रोड तो मानो खत्म ही हो गई है। मिसरोद से बिनेका 60 किलोमीटर तक का हाईवे बनाने के पीछे मंशा यह थी कि यात्रा सुगम और सुरक्षित हो सके, लेकिन यह हाईवे महज 36 महीनों में हालात यह हो गई है कि खराब सड़क होने के कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है।

वाहन चालकों के लिए हाईवे की यात्रा खतरनाक साबित हो रहा है। कई जगहों पर तो हाईवे बैठ गया है। दरारें की इतनी चौड़ी है कि बाइक का टायर फंस जाए। मिसरोद से बिनेका तक जितने भी ओवर ब्रिज बने हैं, सभी में बड़े-बड़े गड्डे हो गए है। बता दें कि 2021 में मिसरोद से बिनेका तक 529 करोड़ की लागत से सीडीएस इंफ्रा कंपनी ने इस हाईवे का निर्माण किया था। एक साल बाद 2022 में मण्डीदीप का कलियासोत ब्रिज का सर्विस एरिया बारिश में भरभराकर टूट गया था।

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यह हाईवे निर्माण के समय से ही विवादों में आ गया था। निर्माण के समय हाईवे में जमकर काली मिट्टी का उपयोग किया गया था। जिसका नतीजा यह निकला की शुरुआत से ही दरारें आने लगी। पुल-पुलिया बैठने लगी है। ऐसे में यह कहना उचित होगा कि अब हाईवे निर्माण में किया गया भ्रष्ट्राचार को भंडाफोड़ हो गया है। वहीं अब इस मामले में शासन-प्रशासन पर क्या कार्रवाई करती है यह देखने वाली बात होगी।

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