अनिल सक्सेना, रायसेन। मध्य प्रदेश में एक ओर सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही है। वहीं दूसरी ओर सरकार के जन कल्याणकारी योजनाओं से लोग वंचित हो रहे हैं। ताजा मामला रायसेन जिले से सामने आया है। जहां 80 साल की बुजुर्ग महिला करीब 3 साल से भरण-पोषण की राशि के लिए दर-दर भटक रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी योजना में फंड नहीं होने की बात कह रहे हैं।
जिला मुख्यालय से 130 किलोमीटर दूर रहने वाली बुजुर्ग बिनिया बाई पिछले 3 साल से महिला एवं बाल विकास विभाग के चक्कर काट रही है। बुजुर्ग तीन साल पहले एक दुर्घटना में मृत माता-पिता के दो बच्चो का लालन-पालन कर रही है। इसके लिए महिला बाल विकास विभाग में गुहार लगाई थी। लेकिन तीन साल में विभाग उन्हें योजना का लाभ नहीं दे पाया। कारण विभाग हमेशा बजट न होने का तीन साल से रोना रो रहा है। जबकि इस योजना में 4 हजार रुपए प्रति बच्चे के मान से राशि दी जाती है।
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बुजुर्ग महिला ने कलेक्टर अरविंद दूबे से इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है। उसने बताया कि वह करीब 50 बार देवरी से रायसेन आ चुकी है। लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बच्चों का भरण-पोषण करना मुश्किल हो रहा है। मजदूरी बनती नहीं है, ऐसे में कैसे बच्चों की परवरिश करें। इस पर कलेक्टर ने महिला बाल विकास अधिकारी दीपक संकट को फटकार लगाते हुए उनकी इस लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल सहायता राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।
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